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ओला-उबर की टैक्सियों पर लगे विज्ञापन की होगी जांच

स्थायी समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी ने बैठक के दौरान ही विजिलेंस जांच के आदेश देते हुए 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।

By Edited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:45 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 03:51 PM (IST)
ओला-उबर की टैक्सियों पर लगे विज्ञापन की होगी जांच
ओला-उबर की टैक्सियों पर लगे विज्ञापन की होगी जांच

नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तरी दिल्ली इलाके में चलने वाली ओला-उबर की टैक्सियों पर लगने वाले विज्ञापन की विजिलेंस जांच होगी। स्थायी समिति की अध्यक्ष वीना विरमानी ने बैठक के दौरान ही विजिलेंस जांच के आदेश देते हुए 15 दिन में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।

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दरअसल, उत्तरी दिल्ली नगर निगम की भाजपा पार्षद और स्थायी समिति की सदस्य पूनम पराशर झा ने निगम में ओला-उबर की गाड़ियों पर विज्ञापन लगाने में घोटाले का आरोप लगाया है। पार्षद का दावा है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में छह हजार ओला-उबर की टैक्सियां चलती हैं, जिन पर अधिकारियों से मिलीभगत करके विज्ञापन लगाए जाते हैं, इस कारण जो राशि निगम के खाते में आनी चाहिए वह भ्रष्टाचार के माध्यम से अधिकारियों की जेब में जा रही हैं।

पार्षद के आरोपों पर अधिकारियों ने जवाब दिया कि अतिरिक्त आयुक्त के निर्देश पर गाड़ियों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दी जाती है। अभी करीब 500 गाड़ियों पर विज्ञापन लगाने की अनुमति दी गई है।

पूनम पराशर ने कहा कि छह हजार ओला-उबर की गाड़िया चल रही हैं, जिसमें से 500 पर विज्ञापन लगाने की अनुमति की बात सही नहीं है, क्योंकि हकीकत में इससे ज्यादा गाड़ियों पर विज्ञापन लगे हुए हैं। कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि निगम के विभागों में बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन अब भाजपा पार्षद ने भी इस मुद्दे को उठा दिया।

मॉनिटरिंग कमेटी को गलत जानकारी देने पर निलंबित सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित मॉनिट¨रग कमेटी के आदेश पर दिल्ली में हुई सीलिंग की गलत जानकारी देने पर तीन लोगों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही कमेटी ने जोन उपायुक्त के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

दरअसल, मॉनिट¨रग कमेटी ने निगम को बताया था कि उन्हें सीलिंग के संबंध में जो जानकारी दी गई, उसमें गड़बड़ी है। इस कारण कमेटी ने संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए। पूरा मामला तब उजागर हुआ, जब स्थायी समिति की बैठक में एक सदस्य ने इसकी जानकारी मांगी। इसके बाद निगम अधिकारियों ने निलंबन की जानकारी दी।

निगम के मुताबिक, रोहिणी जोन भवन विभाग से जुड़े कनिष्ठ अभियंता हितेश कुमार, अधिशाषी अभियंता संजीव कुमार और केके धीरन को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि निगम अधिकारियों ने जोन क्षेत्र में एक निजी जिम को सील किया था और बाद में इसकी सील खोल दी थी। कॉपी मिलेगी या राशि, अभी नहीं हो पाया फैसला उत्तरी दिल्ली नगर निगम के स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को कॉपी मिलेगी या उसके एवज में धनराशि, इसका फैसला अभी नहीं हो पाया है।

पिछली बार भी स्थायी समिति की बैठक में यह मुद्दा उठा था, जिस पर निगम ने कहा था कि समय से टेंडर न होने की वजह से प्रति विद्यार्थी 300 रुपये जारी करेंगे, लेकिन जब इस मामले में दोबारा जवाब मांगा गया तो अधिकारियों ने पूरी बात शिक्षा समिति पर डाल दी। निगम के मुताबिक, शिक्षा समिति पैसे देने के पक्ष नहीं है और वह कॉपी ही देगी।


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