जामिया मिल्लिया इस्लामिया की VC का अध्यापकों को संदेश, महामारी से उबरने के लिए खुदा से दुआ करें
जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो.नजमा अख्तर ने विश्वविद्यालय के छात्रों अध्यापकों और गैर-शिक्षण स्टाफ के सदस्यों को रमजान के मौके पर संदेश दिया है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच रमजान के पवित्र महीने की भी शुरुआत हो गई है। इसी बीच जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रो.नजमा अख्तर ने विश्वविद्यालय के छात्रों, अध्यापकों और गैर-शिक्षण स्टाफ के सदस्यों को रमजान के अवसर पर संदेश दिया है।
उन्होंने सभी को रमजान मुबारक बोलते हए कहा कि कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी की वजह से प्रभावित सारी दुनिया को देखते हुए इस साल रमजान का महत्व और ज्यादा हो गया है, क्योंकि दुनिया को इस संकट से उबरने के लिए एक दूसरे के साथ पूरी एकजुटता, सहानुभूति और करुणा की आवश्यकता है। रमजान के इस मुबारक महीने में हम इस महामारी की चपेट में आए अपने देश के उन सभी लोगों व इससे पीड़ित पूरी मानवता के सेहतमंद होने के लिए खुदा से दुआ करें।
दुनिया भर में बहुत से लोग सिर्फ न्यूनतम उपलब्ध साधनों के साथ जीने के लिए मजबूर हैं। हम उन लोगों तक पहुंचें, जो हमारे आसपास हैं और जिन्हें हमारी मदद की जरूरत है। संकट में घिरे लोगों की मदद करें। हम सभी इसमें एक साथ हैं और हम अपनी कोशिशों से इस संकट पर जीत हासिल करेंगे।
रोजा रखते हुए हुए हम न सिर्फ खाने-पीने से परहेज करते हैं, बल्कि बेकार गपशप, झूठ और ऊटपटांग बातों जैसी बुराइयों से भी दूर रहते हैं। यह उपवास हमें नियमों का पालन करने व आवेगों पर काबू पाने के लिए प्रशिक्षित करता है। यह हमें नैतिक गुण, दया और कृतज्ञता को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह हमें आध्यात्मिक सोच, धैर्य और संयम के जरिये पूर्वाग्रह और कट्टरता पर जीत हासिल करना सिखाता है।
जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल देश में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 24 हजार के पार पहुंच गई है। इसी के साथ देश में लागू लॉकडाउन की अवधी 3 मई को समाप्त होने वाली है। फिलहाल, लॉकडाउन और आगे बढ़ाया जाएगा या नहीं इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।