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एक क्लिक पर 5 रुपये देने वाली कंपनी ने ऐसे किया 3700 करोड़ का घोटाला

कंपनी अपने विज्ञापन खुद डिजाइन कर पोर्टल पर डालती थी और सदस्यों से लिए गए पैसे को उन्हीं को वापस करती थी। प्रवर्तन एजेंसी से बचने के लिए यह कथित कंपनी लगातार नाम बदल रही थी।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 03 Feb 2017 09:01 AM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2017 09:43 PM (IST)
एक क्लिक पर 5 रुपये देने वाली कंपनी ने ऐसे किया 3700 करोड़ का घोटाला

नई दिल्ली (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सोशल ट्रेडिंग के नाम पर लगभग 3700 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। इस मामले में एसटीएफ ने कंपनी के मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही कंपनी का खाता भी सीज कर दिया है, जिसमें लगभग 500 करोड़ रुपये की राशि बताई जा रही है।

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वहीं, कंपनी के निदेशक अनुभव मित्तल का कहना है कि उन्होंने कोई घपला नहीं किया है। सारा हिसाब-किताब ऑनलाइन रिकॉर्ड में है और उनके इस लेन-देन का पूरा टैक्स सरकार को भरा जाता है तथा मुनाफे को सदस्यों में बांटा जाता है। कोई भी चीज छिपी हुई नहीं है।

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एसटीएफ ने ये गिरफ्तारियां नोएडा के सेक्टर-63 के एफ ब्लॉक में चल रही कंपनी से की। एसटीएफ की मानें तो इन लोगों ने तकरीबन सात लाख लोगों से पोंजी स्कीम के जरिए डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर इतनी बड़ी ठगी को अंजाम दिया है।

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उत्तर प्रदेश एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित पाठक ने बताया कि एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सेक्टर-63 के एफ ब्लॉक में अब्लेज इन्फो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने पोंजी स्कीम के तहत लोगों से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।

निवेशकों को दिया जाता था ये प्रलोभन

अमित पाठक ने बताया कि कंपनी में सोशल ट्रेड डॉट बिज के नाम से सोशल पोर्टल बनाकर मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों सदस्य बनाया गया था। इसकी सदस्यता 5000 रुपये से शुरू होकर 50 हजार रुपये तक की थी। इसमें 10 फीसद टैक्स और 5 फीसद फाइलिंग चार्ज अलग से वसूला जाता था।

Pics: 6 लाख लोगों से 3700 करोड़ रुपये ठगने वालों का पर्दाफाश

सीईओ की पत्नी पहली सदस्य बनी थी

सोशल ट्रेड डॉट बिज में श्रीधर की पत्नी ने 2016 में पहली सदस्यता ली थी। वह सीईओ की पत्नी हैं। प्लान समझने के लिए कई बार श्रीधर की मुलाकात भी अनुभव से हुई और छह माह पूर्व श्रीधर ने अनुभव की कंपनी को बतौर सीईओ सेवाएं देनी शुरू कर दी थी।

निवेशकों से कहा जाता था यह करने के लिए

एक निश्चित रकम जमा करने के बाद निवेशकों से कंप्यूटर के सामने बैठे हुए बस हाथ के निशान पर माउस से क्लिक करते जाने के लिए कहा जाता था। कहा जाता था कि एक क्लिक करने पर आपके खाते में सीधे 5 रुपये आ जाएंगे। अगर आपके पास ज्यादा समय है तो इस क्लिक को फुल टाइम धंधा बनाकर रोजाना हज़ारों रुपये कमा सकते हैं।

एसटीएफ के एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस नाम की कंपनी सेक्टर-63 में अपना ऑफिस है और इस कंपनी ने निवेशकों से मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर एक बड़ी ठगी को अंजाम दिया है। उन्होंने बताया कि डिजीटल मार्केटिंग के नाम पर 3700 करोड़ रुपये का घोटाला है।

टास्क फोर्स को कार्रवाई में कंपनी के कार्यालय से 6.30 लाख लोगों के फोन नंबर डाटाबेस में मिले हैं और 9 लाख लोगों के पहचान पत्र बरामद किए गए हैं। कंपनी के गिरफ्तार अधिकारियों में निदेशक अनुभव मित्तल, सीईओ श्रीधर प्रसाद और तकनीकी प्रमुख महेश शामिल हैं।

एसटीएफ ने बताया कि ये लोग खुद ही फर्जी कंपनियों के विज्ञापन तैयार करके पोर्टल पर डालते थे और सदस्य से ली रकम को ही सदस्यों में बांटते थे। एसएसपी की मानें तो सरकारी जांच एजेंसियों से बचने के लिए यह कंपनी एक माह से लगातार नाम बदल रही थी। पहले सोशल ट्रेड विज, फिर फ्री हब डॉटकाम से फेंजअप डॉट कॉम, इंटमार्ट डॉट कॉम और थ्री डब्ल्यू डॉट कॉम के नाम से यह कंपनी लोगों से धोखाधड़ी कर रही थी।

कंपनी के निदेशक यूपी के हापुड़ जिले के पिलखुवा का रहने वाला अनुभव मित्तल हैं। अनुभव के पिता की पिलखुवा में ही इलेक्ट्रॉनिक की दुकान है।

ऐसे लोग फंसते थे जाल में

जांच में सामने आया कि इस कंपनी के मकड़जाल में आम आदमी से लेकर पेशेवर वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट, व्यापारी और डॉक्टर तक शामिल हैं।

यह भी जानेंः सदस्य के जुड़ते ही होता था दोगुना भुगतान

कंपनी हर लिंक को लाइक करने के मेहनताने के रूप में अपने सदस्य को पांच रुपये का भुगतान करती थी। मसलन किसी सदस्य ने यदि 57500 रुपये की सदस्यता ली है तो कंपनी उसे रोजाना 125 लिंक देती थी।

इसके बाद यदि कोई सदस्य अपने नीचे दो सदस्य इतनी ही धनराशि देकर बनवाता था तो उसके लिंक दो गुने यानी रोजाना 250 के हो जाते थे। इतने लिंक लाइक करने पर रोजाना पांच रुपये के हिसाब से 1250 रुपये का भुगतान बनता था लेकिन कंपनी एडमिन चार्ज और टीडीएस काटने के बाद सदस्य के खाते में 1060 रुपये का भुगतान करती थी।

इस तरह होता था पूरा घोटाला

पैकेज रोज लाइक रुपये मिलते थे
5,750 25 125
11,500 50 250
28,750 75 375
57,500 125 625


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