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जेवर एयरपोर्टः यूपी की योगी सरकार ने दिखाई कंजूसी, मिले महज 400 करोड़ रुपये

दिल्ली से सटे नोएडा में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने के लिए यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण ने करीब 2000 करोड़ रुपये मांगे थे, कम पैसा मिलने से इसमें देरी होगी।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 13 Jul 2017 01:04 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jul 2017 04:42 PM (IST)
जेवर एयरपोर्टः यूपी की योगी सरकार ने दिखाई कंजूसी, मिले महज 400 करोड़ रुपये
जेवर एयरपोर्टः यूपी की योगी सरकार ने दिखाई कंजूसी, मिले महज 400 करोड़ रुपये

नोएडा (अरविंद मिश्रा)। जेवर अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट परियोजना के लिए अपनी झोली खोलने में योगी सरकार ने कंजूसी दिखाई है। एयर पोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए यमुना प्राधिकरण ने करीब दो हजार करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने पहले बजट में मात्र चार सौ करोड़ रुपये ही आवंटित किए हैं। यह धनराशि प्रदेश भर में हवाई यातायात के ढांचे को मजबूत बनाने पर खर्च होगी।

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प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशकों से अटकी जेवर अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट परियोजना को मंजूरी दिलाने में कामयाब रहे। इसके साथ ही उम्मीद बढ़ गई कि प्रदेश सरकार जेवर एयर पोर्ट के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने देगी।

प्रदेश सरकार के मंगलवार को पेश किए गए बजट में यह उम्मीद निराशा में बदल गई है। हवाई अड्डा परियोजना को धरातल पर आगे बढ़ाने के लिए पहली जरूरत जमीन अधिग्रहण की है, लेकिन यमुना प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति काफी खराब है।

प्राधिकरण पर करीब तीन हजार करोड़ रुपये का कर्जा है। जमीन अधिग्रहण के लिए प्राधिकरण को पहले चरण में करीब दो हजार करोड़ रुपये की जरूरत है।

प्रदेश सरकार के पहले बजट में जेवर हवाई अड्डे के लिए रकम आवंटित होने की पूरी उम्मीद थी। लेकिन प्रदेश सरकार ने मात्र चार सौ करोड़ ही आवंटित किए।

इस रकम को प्रदेश सरकार पहले से चिह्नित हवाई पट्टियों के निर्माण, उनके सुढृढ़ीकरण व जमीन अधिग्रहण पर खर्च करेगी। बजट में आवंटित अगर पूरी रकम जेवर हवाई अड्डे के लिए भी मिल जाती तो भी इसका खास फायदा नहीं होता।

27 सौ एकड़ जमीन एयर पोर्ट  के लिए आरक्षित

यमुना प्राधिकरण ने जेवर क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय एयर पोर्ट के लिए 27 सौ एकड़ जमीन आरक्षित कर रखी है। एयर पोर्ट  के निर्माण से पूर्व इस क्षेत्र में बसे गांवों को विस्थापित किया जाएगा।

ग्रामीणों को विस्थापित करने से पहले परिसंपत्ति का मुआवजा देना होगा, ताकि वह दूसरी जगह जाकर बस सकें। इसके लिए प्राधिकरण को भारी भरकम रकम की जरूरत होगी।

कागजी प्रक्रिया पूरी करेगा प्राधिकरण 

बजट आवंटित न होने से प्राधिकरण जेवर एयर पोर्ट  का काम धरातल पर फिलहाल शुरू नहीं कर पाएगा, लेकिन कागजी कार्रवाई को प्राधिकरण आगे जरूर बढ़ाएगा।

एयर पोर्ट के लिए आर्थिक तकनीक फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कराने के लिए सलाहकार एजेंसी को नियुक्त किया जाएगा, ताकि एयर पोर्ट के निर्माण के लिए निविदा जारी करने की प्रक्रिया को जल्द आगे बढ़ाया जा सके।


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