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दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का यूपी बार्डर-डासना खंड मार्च तक होगा पूरा, तेज गति से चल रहा है काम

जो परियोजनाएं अगले वर्ष मार्च तक पूरी होनी हैं उनमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का दूसरा फेज अर्थात यूपी बार्डर से डासना तक का एक्सप्रेस-वे व हाईवे का 20 किलोमीटर लंबा हिस्सा शामिल है।

By Amit MishraEdited By: Published: Fri, 15 Jun 2018 07:22 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 06:00 AM (IST)
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का यूपी बार्डर-डासना खंड मार्च तक होगा पूरा, तेज गति से चल रहा है काम

नई दिल्ली [संजय सिंह]। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के दूसरे पैकेज समेत उत्तर प्रदेश में चल रही एक दर्जन से ज्यादा परियोजनाएं अगले साल मार्च या उससे भी पहले पूरी हो जाएंगी। उत्तर प्रदेश में एनएचएआइ की लगभग डेढ़ दर्जन राजमार्ग परियोजनाएं अंतिम चरण में हैं। इनमें 17 किलोमीटर लंबी वाराणसी-रिंग रोड अगले महीने ही पूरी हो जाएगी। जबकि 59 किलोमीटर लंबी घाघरा ब्रिज-वाराणसी (एनएच 233) परियोजना के अक्टूबर में पूरा होने की उम्मीद है।

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यही नहीं, 15 किलोमीटर लंबी लखनऊ रिंगरोड तथा 109 किलोमीटर लंबी रायबरेली-इलाहाबाद रोड भी नवंबर तक पूरी हो सकती है। इसके अलावा एनएच-2 का दिल्ली-आगरा प्रोजेक्ट का मथुरा तक का हिस्से के अलावा काशीपुर-सितारगंज (एनएच 94) व सितारगंज-बरेली (एननएच 30) बरेली-सीतापुर (एनएच 30), गाजियाबाद-अलीगढ़ (एनएच 91) तथा मुजफ्फरनगर-हरिद्वार (एनएच 58), रायबरेली-इलाहाबाद (एनएच 24बी) तथा मुजफ्फरनगर-हरिद्वार (एनएच 58) परियोजनाएं भी इसी साल दिसंबर तक पूरी हो जाएंगी।

बढ़ा दी गई है काम की रफ्तार 

इसके अतिरिक्त जो परियोजनाएं अगले वर्ष मार्च तक पूरी होनी हैं उनमें दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का दूसरा फेज अर्थात यूपी बार्डर से डासना तक का एक्सप्रेस-वे व हाईवे का 20 किलोमीटर लंबा हिस्सा शामिल है। वैसे तो इस चरण का काम मई, 2019 में पूरा होना है। लेकिन गडकरी की इच्छा को देखते हुए एनएचएआइ ने अब इसे मार्च तक पूरा करने की ठानी है। इसके लिए इस हिस्से पर काम की रफ्तार बढ़ा दी गई है। एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर आरपी सिंह के अनुसार अब इसे दो महीने पहले पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।

अगले साल मार्च तक पूरी की जाने वाली अन्य हाईवे परियोजनाओं में गोरखपुर बाईपास भी शामिल है। यही नहीं, 128 किलोमीटर लंबे लखनऊ-सुल्तानपुर (एनएच-56) प्रोजेक्ट में सुलतानपुर-जौनपुर और जौनपुर-वाराणसी के बीच 63 किलोमीटर का हिस्सा पूरा हो चुका है। जबकि बाकी हिस्से को मार्च तक पूरा करने को कहा गया है। रामपुर-काठगोदाम (एनएच 58) भी मार्च तक पूरा हो जाएगा।

अन्य परियोजनाएं जो मार्च तक पूरी की जाएंगी उनमें आगरा-इटावा बाईपास (एनएच 44), वाराणसी रिंग रोड, रायबरेली-इलाहाबाद (एनएच 232), रायबरेली-बांदा (एनएच 232), बरेली-सीतापुर (एनएच 30), बुलंदशहर-गोसाई बाजार गाजियाबाद-अलीगढ़ (एनएच 91) और गोसाईं बाजार बाईपास-वाराणसी (एनएच 233), अंबेडकरनगर-रायबरेली (एनएच 232), बूधनपुर-गोसाई बाजार (एनएच 233) परियोजनाएं शामिल हैं।

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