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Indian Railways: रेलवे कर्मचारी ध्यान दें, अस्पताल में इलाज के लिए जरूरी हुआ यह कार्ड

Indian Railways उत्तर रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में इलाज कराने के लिए उम्मीद कार्ड (यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड) अनिवार्य कर दिया गया है। अब उन्हीं मरीजों का अस्पताल में इलाज होगा जिनका कार्ड बन गया है या फिर इसके लिए आवेदन किया है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Tue, 16 Nov 2021 06:04 AM (IST)Updated: Tue, 16 Nov 2021 07:47 AM (IST)
रेलवे अस्पताल में इलाज के लिए उम्मीद कार्ड जरूरी

नई दिल्ली [संतोष कुमार सिंह]। उत्तर रेलवे के केंद्रीय अस्पताल में इलाज कराने के लिए उम्मीद कार्ड (यूनिक मेडिकल आइडेंटिटी कार्ड) अनिवार्य कर दिया गया है। अब उन्हीं मरीजों का अस्पताल में इलाज होगा जिनका कार्ड बन गया है या फिर इसके लिए आवेदन किया है। सभी मंडलों में भी इसे अनिवार्य करने की तैयारी चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस स्मार्ट कार्ड से मरीज की पहचान होगी। इसमें उसका पूरा विवरण होगा। अस्पताल में इलाज के लिए पंजीकरण, डाक्टर की सलाह, उसे मिलने वाली दवा अन्य सभी जानकारी इसके जरिए कंप्यूटर पर देखा जा सकता है।

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इससे डाक्टर को कागज पर दवा व अन्य सलाह लिखने की जरूरत नहीं होती है। इससे डाक्टर व मरीज दोनों को लाभ होगा। मरीज को इलाज से संबंधित सभी रिपोर्ट डाक्टर के पास लेकर जाने की जरूरत नहीं होगी। आपात स्थिति में मरीज के इलाज भी जल्दी संभव हो सकेगा।

अधिकारियों का कहना है कि पिछले कई माह से सभी मंडलों में कर्मचारियों के उम्मीद कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। अधिकांश कर्मचारियों के कार्ड बन गए हैं। शेष रह गए कर्मचारियों के कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही उत्तर रेलवे के सभी अस्पतालों में यह अनिवार्य हो जाएगा।

कोरोना से इस माह की चौथी मौत, 16 नए मामले

वहीं, राजधानी में कोरोना की संक्रमण दर 0.07 फीसद से घटकर 0.04 फीसद हो गई है। इससे सोमवार को कोरोना के 16 नए मामले आए और 27 मरीज ठीक हुए, लेकिन लगातार दूसरे दिन कोरोना से एक मरीज की मौत हो गई। इस वजह से इस माह अब तक चार मरीजों की मौत हो चुकी है। अक्टूबर में कोरोना से चार व सितंबर माह में पांच मरीजों की मौत हुई थी। इस माह के पहले सप्ताह में कोरोना की संक्रमण दर में थोड़ी बढ़ोतरी हुई थी। इससे पांच नवंबर को संक्रमण दर 0.14 फीसद पहुंच गई थी। इसके बाद 12 नवंबर को संक्रमण दर 0.12 फीसद थी, तब 62 नए मामले आए थे। ऐसे में कोरोना के मामले बढ़ते नजर आ रहे थे। राहत की बात यह है कि संक्रमण दर अब घटकर 0.04 फीसद होने से कोरोना के मामले बढ़ने की आशंका दूर होती नजर आ रही है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार दिल्ली में अब तक कोरोना के कुल 14 लाख 40 हजार 440 मामले आ चुके हैं। जिसमें से 14 लाख 15 हजार आठ मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक मृतकों की कुल संख्या 25,095 है। सक्रिय मरीजों की संख्या 349 से घटकर 337 हो गई है। जिसमें से 153 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं। वहीं कंटेनमेंट जोन की संख्या 125 से घटकर 124 हो गई है।


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