फिर खतरनाक हुई हवा: केंद्रीय मंत्री बोले- पूरी दुनिया में बदनाम हो रही हमारी दिल्ली
सरकारी एजेंसियों की सक्रियता बढ़ने के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। बृहस्पतिवार को भी दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया।
नई दिल्ली, जेएनएन। सरकारी एजेंसियों की सक्रियता बढ़ने के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण की चादर गहरी होती जा रही है। बुधवार के बाद बृहस्पतिवार को भी दिल्ली के एक क्षेत्र का प्रदूषण जहां खतरनाक स्तर पर पहुंच गया, वहीं कई अन्य जगहों पर भी हवा में प्रदूषण की मात्रा बहुत ज्यादा खराब श्रेणी में दर्ज की गई।
वहीं, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली और आसपास के इलाकों में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर कहा कि इससे दिल्ली की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरी दुनिया में खराब हो रही है। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि अगर पराली जलाई गई तो खुद को दिल्ली के लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
हर्षवर्धन ने बताया कि हम लगातार राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ इस मुद्दे को लेकर मीटिंग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने पराली को लेकर राज्य सरकारों को धन भी मुहैया कराया है। हमने राज्य सरकारों से कहा है कि 15 अक्टूबर तक ये पैसे किसानों को उपलब्ध करा दें।
इससे पहले डीटीयू में मंगलवार शाम 6 बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स 459 दर्ज किया गया। यहां प्रदूषण की मुख्य वजह पीएम 10 रहा। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रित करने में लगी एजेंसियों और विभागों के माथे की शिकन भी बढ़ने लगी है।
डीटीयू के साथ बवाना, मुंडका, द्वारका, वजीरपुर, नरेला, आनंद विहार, गुरुग्राम, भिवाड़ी व साहिबाबाद जैसे क्षेत्र भी इस बार पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण एवं संरक्षण प्राधिकरण (ईपीसीए) की सूची में शामिल हैं। यह सूची दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की मदद से तैयार की गई है। नासा से भी पिछले सप्ताह कुछ तस्वीरें मिली थीं, जिनमें नजफगढ़, द्वारका और नरेला में आग लगने की बात सामने आई है।
द्वारका में ऐसे मामले काफी संख्या में सामने आ रहे हैं। यहां ज्यादातर आग डलाव घर या खाली प्लॉट में लग रही है। धुआं सुबह-शाम उठता रहता है। सेक्टर-3 में डीडीए के पार्क के सामने, सेक्टर-20 में भारत वंदना प्रांगण, सेक्टर-8, सेक्टर-18 में हर समय कहीं न कहीं आग और धुएं का गुबार दिखता है। नजफगढ़ ड्रेन के किनारे भी खुले में पेड़ों व कूड़े को नुकसान पहुंचाकर आग लगाई जा रही है। नजफगढ़ से सटे गांव छावला, घुम्मनहेड़ा, झटीकरा, मित्रऊं व कांगनहेड़ी में पराली भी जलाई जा रही है। पूर्वी दिल्ली के सीमापुरी डिपो के पास रोड नंबर 70 पर खुलेआम तार जलाए जा रहे हैं।
स्थानीय भाजपा नेताओं ने सीमापुरी थाने में शिकायत की है। डिपो के पास स्लम एरिया में कॉपर निकालने को प्लास्टिक के तार जलाए जा रहे हैं।
675 वाहनों के चालान, 15 साल पुरानी चार डीजल कारें जब्त
दिल्ली में 15 साल पुरानी डीजल कारों को लेकर परिवहन विभाग की ओर से चलाए जा रहे अभियान के तहत दूसरे दिन चार कारें जब्त की गईं। इन्हें मिलाकर अब तक विभाग पांच कारों को जब्त कर चुका है। जब्त की गईं कारों को नष्ट किया जाएगा। इसके अलावा विभाग ने बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के दौड़ रहे वाहनों के खिलाफ भी सोमवार से अभियान चलाया है। इसके तहत बुधवार को 675 चालान किए गए। इसमें प्रदूषण प्रमाण पत्र न होने पर 268 व धुआं छोड़ने वाले वाहनों के 407 चालान हुए हैं।कहां कितना रहा एयर इंडेक्स1दिल्लीगाजियाबादग्रेटर नोफरीदाबादभिवाड़ीनो
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया जब दिल्ली में अधिकांश प्रदूषण नियंत्रण केंद्र या तो काम नहीं कर रहे हैं या फिर उन्हें बंद कर दिया गया है तो ऐसे में आप प्रदूषण नियंत्रण कैसे कर रहे हैं। जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता ने सरकार द्वारा पेश की गई स्थिति रिपोर्ट पर नजर डालने के बाद यह सवाल किया। केंद्र की ओर से पेश एडिशनल सालिसिटर जनरल एएनएस नादकर्णी ने कोर्ट को बताया कि समग्र कार्रवाई योजना पर बैठक हुई है जिसका लक्ष्य दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण पर नियंत्रण पाना है। पीठ ने कहा कि 200 में से करीब 170 प्रदूषण नियंत्रण केंद्र काम नहीं कर रहे हैं। किस तरह से आप प्रदूषण नियंत्रण कर रहे हैं।
लोगों को मिले वाहन में ईंधन का संकेत देने वाला स्टिकर
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोगों को इस बात की जानकारी मिलनी चाहिए कि वे कैसे होलोग्राम आधारित कलर कोड स्टिकर प्राप्त कर सकते हैं। ये स्टिकर वाहन में इस्तेमाल किए जा रहे ईंधन का संकेत देते हैं। कोर्ट ने कहा कि परिवहन मंत्रलय इस संबंध में विज्ञापन दे।
उपराज्यपाल के पास है दिल्ली में सेवा नियंत्रण की शक्ति
केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उपराज्यपाल के पास दिल्ली में सेवाओं के नियमन का अधिकार है। दिल्ली के प्रशासक को शक्ति प्रदान की गई है। उनके माध्यम से सेवाओं का प्रबंधन किया जा सकता है। केंद्र ने यह भी कहा कि राष्ट्रपति जबतक निर्देश नहीं देंगे उपराज्यपाल दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्रि परिषद से संपर्क नहीं कर सकते हैं। जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी।
दिल्ली के थानों में पड़ी है आठ लाख लीटर जब्त शराब
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली के विभिन्न थानों में आठ लाख लीटर से ज्यादा शराब और 40,233 जब्त वाहन पड़े हैं। जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ को सौंपे गए शपथपत्र में पुलिस ने कहा है कि जब्त चीजों को हटाने या उन्हें निस्तारित कर थानों को मुक्त करने की नीति तैयार की गई है।