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शिलान्यास के दो साल बाद भी अस्पताल के बजट को नहीं मिली मंजूरी, पढ़ें पूरा खेल

बिना किसी सरकारी प्रस्ताव के ही चुनावी लाभ के लिए योजना की आधारशिला रख दी गई थी। यही वजह रही कि पांच सालों तक एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी।

By Amit MishraEdited By: Published: Sat, 09 Dec 2017 06:31 PM (IST)Updated: Sat, 09 Dec 2017 08:24 PM (IST)
शिलान्यास के दो साल बाद भी अस्पताल के बजट को नहीं मिली मंजूरी, पढ़ें पूरा खेल
शिलान्यास के दो साल बाद भी अस्पताल के बजट को नहीं मिली मंजूरी, पढ़ें पूरा खेल

नई दिल्ली [संजय सलिल]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बुराड़ी में निर्माणाधीन आठ सौ बिस्तर वाले अस्पताल का शिलान्यास किए दो साल व दो माह से अधिक बीत चुका है लेकिन बजट की मंजूरी दिल्ली सरकार की कैबिनेट से नहीं मिल सकी है। नतीजतन, अस्पताल के निर्माण कार्य को पूरा करने के लक्ष्य को तीन साल आगे बढ़ाना पड़ा। दिल्ली सरकार की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाती यह जानकारी सूचना का अधिकार के जरिये आरटीआइ कार्यकर्ता अनामिका भगोरिया को स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त हुई।

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद

सूचना के माध्यम से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री ने सरकार की वित्तीय मंजूरी के बगैर ही 9 अगस्त 2015 को एक समारोह में अस्पताल के बिस्तरों की संख्या दो सौ से बढ़ाकर आठ सौ करने की योजना का शिलान्यास कर दिया। इस समारोह में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे।

योजना के प्रारूप में संशोधन

खास बात यह थी कि पूर्ववर्ती योजना के तहत अगस्त 2015 में ही दो सौ बिस्तर की क्षमतायुक्त अस्पताल का निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य तय था। लेकिन, उस वक्त निर्माण कार्य भी सही तरीके से प्रारंभ नहीं हो सका था। इसके बाद योजना के प्रारूप में संशोधन करते हुए इसे आठ सौ बिस्तर का कर दिया गया। दो साल से अधिक समय से लंबित पड़े बजट को मंजूरी देने संबंधी प्रक्रिया के कारण योजना की समय सीमा सितंबर 2018 तय की है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए योजना के तय समय सीमा के अंदर पूरा होने पर संशय है।



कांग्रेस के कार्यकाल में भी हुआ था यह खेल

बुराड़ी के कौशिक एंक्लेव में निर्माणाधीन इस अस्पताल की योजना की नींव 8 अक्टूबर 2008 को रखी गई थी। उस समय कांग्रेस की सरकार थी और कुछ ही माह बाद दिल्ली विधानसभा चुनाव होने थे। तब कांग्रेस के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री योगानंद शास्त्री ने इसका शिलान्यास किया था। तब यह योजना एक सौ बिस्तर की थी। दिलचस्प बात ये है कि कि तब बिना किसी सरकारी प्रस्ताव के ही चुनावी लाभ के लिए योजना की आधारशिला रख दी गई थी। यही वजह रही कि पांच सालों तक एक ईंट भी नहीं रखी जा सकी।

280 करोड़ की राशि को मंजूरी का इंतजार

अस्पताल की क्षमता दो सौ बिस्तर निर्धारित करते हुए 208.11 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी। लेकिन, जब इसकी क्षमता आठ सौ बिस्तर कर दी गई तो इसके लिए 280 करोड़ की लागत तय की गई। इस राशि को कैबिनेट की मंजूरी मिलने का इंतजार है। 

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