निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार सुकेश चंद्रशेखर को मां से मिलने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत
आइएडीएमके का चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार बिचौलिए सुकेश चंद्रशेखर को दिल्ली हाई कोर्ट ने मां से मिलने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। एआइएडीएमके का चुनाव चिन्ह हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को रिश्वत देने के मामले में गिरफ्तार बिचौलिए सुकेश चंद्रशेखर को दिल्ली हाई कोर्ट ने मां से मिलने के लिए दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ ने कहा कि चंद्रशेखर को हिरासत पैरोल देने से इन्कार करने का कोई उचित कारण नहीं है।
पीठ ने कहा कि चंद्रशेखर तीन साल से जेल में है और उसकी मां की चिकित्सकीय स्थिति को लेकर पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार उनकी हालत गंभीर है। इतना ही नहीं सुकेश उसके साथ चेन्नई यात्रा करने वाले पुलिस अधिकारियों का पूरा खर्च वहन करने को तैयार है।
पीठ ने सुकेश को निर्देश दिया कि वह दिल्ली पुलिस के पास यात्रा खर्च के रूप में पांच लाख रुपये जमा करे। पीठ ने यह भी कहा कि सुकेश को चेन्नई में उसके द्वारा दिये गए पते पर ही रखा जाये। उसे वहां से तभी जाने दिया जाये जब उसकी मां को सहयोग की जरूरत हो या फिर चिकित्सकीय स्थिति को लेकर डाक्टर से बात करना हो। इसके साथ ही सुकेश को किसी से संपर्क करने या मिलने की अनुमति नहीं होगी और पैरोल की समयसीमा समाप्त होने के बाद उसे दिल्ली लाया जाएगा।
एआइएडीएमके के चुनाव चिह्न को हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग में रिश्वत दी गई थी और इस मामले में एआइएडीएमके नेता टीटीवी दिनाकरण समेत अन्य शामिल थे। चंद्रशेखर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता पराग त्रिपाठी ने कहा था कि आरोपित की मां की तबियत गंभीर रूप से खराब है और वे कोरोना संक्रमित हैं। वहीं सुकेश की पत्नी कैंसर सर्वाइवर हैं।
उन्होंने कहा कि पहले भी सुकेश को दो-दो सप्ताह के लिए दो बार हिरासत पैरोल पर रिहा किया गया था और समयसीमा समाप्त होने के बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया था। चंद्रशेखर को पुलिस ने वर्ष 2017 में गिरफ्तार किया था। वह 20 मामलों में आरोपी है और उनमें से 17 मामलों में उसे जमानत मिल गई है और बाकी तीन मामलों में वह हिरासत में है।