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जेल में मिले दो बदमाश, बनाया गैंग, बाहर आए शुरू किया पुराना काम, लाखों कमाए, फिर पकड़े गए

जेल में दो बदमाशों ने गैंग बनाया और बाहर आकर चोरी की वारदात को अंजाम देने लगे। वसंत कुंज दक्षिणी थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 30 लाख रुपये से अधिक कीमत के जेवर और 11 लाख रुपये नकद बरामद कर लिया है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 01:08 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 06:47 PM (IST)
जेल में मिले दो बदमाश, बनाया गैंग, बाहर आए शुरू किया पुराना काम, लाखों कमाए, फिर पकड़े गए
जेल में दो बदमाशों ने गैंग बनाया और बाहर आकर चोरी की वारदात को अंजाम देने लगे।

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। जेल में दो बदमाशों ने गैंग बनाया और बाहर आकर चोरी की वारदात को अंजाम देने लगे। वसंत कुंज दक्षिणी थाना पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 30 लाख रुपये से अधिक कीमत के जेवर और 11 लाख रुपये नकद बरामद कर लिया है।

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आरोपितों की पहचान संजय तंवर उर्फ अमित और संजीव के रूप में की गई है। संजय को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है, जबकि संजीव एक मामले में कोर्ट की कार्रवाई का सामना कर रहा है। पुलिस ने इनकी गिरफ्तारी से पाश इलाके वसंतकुंज व वसंत विहार में हुई चोरी की आठ वारदात को सुलझाने का दावा किया है। 

दक्षिण-पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि डीडीए फ्लैट्स, वसंतकुंज व अन्य जगहों पर लगातार हो रही चोरी की घटनाओं को देखते हुए एसीपी नरेश कुमार के नेतृत्व में टीम का गठन किया गया था। 

इस टीम को जांच में पता लगा कि आरोपित घर का दरवाजा मास्टर चाभी से खोलते थे। वसंतकुंज में रहने वाले निखिल अग्रवाल ने दो फरवरी को शिकायत दी थी कि उसके घर से 30 लाख रुपये की कीमत की ज्वेलरी व 50 हजार रुपये चोरी हो गए हैं। 

टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर संजीव को मसूदपुर फ्लाईओवर के ऊपर से कोरोला एल्टिस कार चलाते हुए 23 फरवरी को गिरफ्तार किया। उसकी कार से चोरी के जेवर बरामद किए गए। पुलिस ने अमित की निशानदेही पर बसई दारापुर निवासी संजय तंवर उर्फ अमित को गिरफ्तार कर लिया। 

साल 2018 में अमित को सुनाई गई थी आजीवन कारावास की सजा 

अमित को पुलिस ने पहली बार लूट के एक मामले में गिरफ्तार किया था। इसके बाद कई बार जेल जाने के बाद जनवरी 2018 में उसे उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी। जेल से बाहर आने के बाद उसने अपने जेल के साथियों संजीव तंवर आदि को एकत्रित किया और वारदात करने लगा।

वह रैकी कर वारदात करता था। वह खाली पड़े प्लाट का फर्जी कागजात बनवाकर उस पर कब्जा भी कर लेता था। इसी तरह वसंतकुंज एंक्लेव एरिया में एक बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया था। अमित के खिलाफ पहले से पांच व संजीव के खिलाफ नौ आपराधिक मामले दर्ज हैं। 


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