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Delhi: गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए दो किशोर बन गए शातिर, बारकोड लगाने के बहाने करते ठगी; गिरफ्तार

Delhi Crime News दिल्ली पुलिस ने दो नाबालिगों को हिरासत में लिया है। दोनों आरोपी डिजिटल पेमेंट कंपनी में फील्ड एग्जिक्यूटिव के तौर पर काम करते थे। दोनों किशोर बारकोड लगाने के बहाने ठगी का काम करते थे।

By Jagran NewsEdited By: GeetarjunPublished: Fri, 03 Feb 2023 09:00 PM (IST)Updated: Fri, 03 Feb 2023 09:00 PM (IST)
Delhi: गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए दो किशोर बन गए शातिर, बारकोड लगाने के बहाने करते ठगी; गिरफ्तार
गर्लफ्रेंड को इंप्रेस करने के लिए दो किशोर बन गए शातिर ठग, गिरफ्तार

नई दिल्ली, पीटीआई। दिल्ली पुलिस ने दो नाबालिगों को हिरासत में लिया है। दोनों आरोपी डिजिटल पेमेंट कंपनी में फील्ड एग्जिक्यूटिव के तौर पर काम करते थे। दोनों किशोर बारकोड लगाने के बहाने ठगी का काम करते थे। दोनों ने बताया कि वो लग्जरी लाइफ और गर्लफ्रेंड को प्रभावित करने के लिए ज्यादा पैसा कमाना चाहते थे।

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आरोपी ने कथित तौर पर पीड़ितों के ई-वॉलेट पोस्टपेड खातों को सक्रिय कर दिया और पैसे की हेराफेरी की। उन्होंने कहा कि पीड़ितों को धोखाधड़ी का पता तब चला जब उन्हें कंपनी से पैसे चुकाने का अलर्ट मिला।

पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़ितों के ई-वालेट के खातों को सक्रिय कर देते थे और रुपयों की हेराफेरी कर देते थे। पीडितों को इस बारे में जानकारी तब मिलती थी, जब उनके रुपये कट जाते थे।

आरोपी सरकारी स्कूल में 11वीं का छात्र है। उसने अपने बालिग दोस्त की पहचान पत्र के जरिए नौकरी प्राप्त की थी। पुलिस ने बताया कि एक ई-रिक्शा चालक ने एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें बताया कि उसके साथ 60 हजार रुपये की ठगी की गई है।

उन्होंने खुलासा किया कि दो लड़के उनके पास आए और आसान ऑनलाइन भुगतान के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) बारकोड के लिए आवेदन करने का सुझाव दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि उन्होंने उसे बताया कि सेवा मुफ्त थी और पीड़ित के मोबाइल फोन पर एप्लिकेशन का उपयोग करते हुए कथित तौर पर उसके खाते से 60,000 रुपये ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस को एक और शिकायत मिली, जिसमें एक पीड़ित को इसी तरह के तरीके से ठगा गया था। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि किशोरों को नांगलोई से गिरफ्तार किया गया।

उन्होंने खुलासा किया कि उनमें से एक ने डिजिटल भुगतान कंपनी के बारकोड स्थापित करने के काम के बारे में सीखा। फिर अपने जान पहचान वाले बालिग दोस्त की आईडी का उपयेग कर ठगी क काम शुरू कर दिया।

पुलिस ने कहा कि एक अन्य आरोपी भी उसके साथ इस ठगी की योजना में शामिल हो गया। वे ज्यादातर ई-रिक्शा चालकों, सब्जी बेचने वालों के यहां जाकर बारकोड लगाते थे। उन्होंने बारकोड बनाने के लिए पीड़ितों के ई-वॉलेट का इस्तेमाल किया। किशोरों ने तीन लोगों से 60 हजार, आठ हजार और 8000 रुपये ठगे थे।

हिरासत में लिए जाने के बाद आरोपियों ने कहा कि वो लग्जरी जिंदगी जीने की चाहत और गर्लफ्रेंड को इम्प्रेस करने के लिए ठगी का काम करते थे।


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