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इराक की दो बच्चियों को ईद का तोहफा, भारत में मिला नया जीवन

गाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने स्टैश आजाद खलील नामक दो वर्षीय बच्ची की सर्जरी कर जान बचाई चार साल बाद उसकी दूसरी सर्जरी की जाएगी।

By JP YadavEdited By: Published: Mon, 12 Aug 2019 10:26 AM (IST)Updated: Mon, 12 Aug 2019 01:11 PM (IST)
इराक की दो बच्चियों को ईद का तोहफा, भारत में मिला नया जीवन

नई दिल्ली, जेएनएन। इराक के युद्ध प्रभावित क्षेत्र की दो बच्चियों को दिल्ली के डॉक्टरों ने इलाज कर ईद के मौके पर नए जीवन का उपहार दिया। दोनों बच्चियां हृदय की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों ने स्टैश आजाद खलील नामक दो वर्षीय बच्ची की सर्जरी कर जान बचाई, चार साल बाद उसकी दूसरी सर्जरी की जाएगी। स्टैश ईद मनाने माता-पिता के साथ इराक रवाना हो चुकी है। वहीं सात वर्षीय नवीन यासीन को फिलहाल दवाओं से इलाज किया गया है। बड़ी होने पर उसकी भी सर्जरी की जाएगी।

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अस्पताल के डॉक्टर कहते हैं कि इराक के युद्धग्रस्त क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण दोनों बच्चियों की जांच व इलाज ठीक से नहीं हो पा रहा था। इराक स्थित ब्रिंग होप ह्यूमैनिटेरियन और दिल्ली स्थित दीया इंडिया फाउंडेशन नामक एनजीओ की मदद से दोनों को गंगाराम अस्पताल में लाया गया। इससे उनकी जिंदगी बच सकी।

आधे दिल से धड़क रही थी धड़कन
गंगाराम अस्पताल के पीडिएकट्रिक कार्डिएक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. राजा जोशी के नेतृत्व में दोनों बच्चियों का इलाज शुरू हुआ। जांच में पाया गया कि दो वर्षीय स्टैश दिल की गंभीर जन्मजात बीमारी से पीड़ित है, क्योंकि उसके दिल का आधा हिस्सा गायब है। डॉ. जोशी ने कहा कि उसके दिल में दायां वेंट्रिकल नहीं है। इससे दिल में गंदा व साफ रक्त एक ही जगह बाएं वेंट्रिकल में पहुंच रहा था।

इस वजह से ऑक्सिजन युक्त रक्त उसके शरीर में नहीं पहुंच पा रहा था। इस कारण उसका शरीर नीला पड़ रहा था और सांस भी फूल रही थी। इकोकार्डियोग्राफी व अन्य जांच के बाद उसकी दो सर्जरी करने की जरूरत महसूस की गई। इसके तहत उसकी पहली सर्जरी करीब 18 दिन पहले की गई। उन्होंने कहा कि सर्जरी के दौरान शरीर के ऊपरी हिस्से से खून को लेकर दिल में पहुंचाने वाली रक्त वाहिका को अलग कर फेफड़े से जोड़ दिया गया। इससे फेफड़े से ऑक्सिजन युक्त खून दिल में पहुंचना शुरू हो गया। इससे उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य हो गया। इससे वह ठीक से सांस ले पा रही है। चार साल बाद दूसरी सर्जरी के लिए उसे फिर आना पड़ेगा।

नवीन यासीन के वॉल्व में खराबी
दूसरी बच्ची नवीन यासीन के वॉल्व में खराबी है। इस वजह से उसका दिल ठीक से काम नहीं कर पा रहा था। इसलिए दवाओं से उसके दिल को स्थिर किया गया है क्योंकि अभी उसकी उम्र कम है। अभी वॉल्व बदला जाता तो बाद में उसे दिक्कत होती। जब वह थोड़ी बड़ी जा जाएगी तब उसका वॉल्व बदला जाएगा लेकिन फिलहाल वह भी ठीक है। एक सप्ताह में उसे भी अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

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