आरुषि मर्डर पर बनी चर्चित दो फिल्में, लेकिन एक भी नहीं ढूंढ सकी कातिल
जनवरी 2015 में आई फिल्म रहस्य और उसी साल आई फिल्म तलवार में देश को झकझोरने वाली इस मर्डर मिस्ट्री के तमाम सिरों को पकडऩे का प्रयास किया गया था। हालांकि दोनों फिल्में कातिल तक नहीं पहुंच पाईं।
नोएडा [ प्रभात उपाध्याय ] । बहुचर्चित आरुषि मर्डर केस पर अब तक दो फिल्में बन चुकी हैं, लेकिन दोनों फिल्में किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाईं। जनवरी 2015 में आई फिल्म रहस्य और उसी साल आई फिल्म तलवार में देश को झकझोरने वाली इस मर्डर मिस्ट्री के तमाम सिरों को पकडऩे का प्रयास किया गया था। हालांकि दोनों फिल्में कातिल तक नहीं पहुंच पाईं।
एक तरफ मनीष गुप्ता निर्देशित फिल्म रहस्य में केके मेनन, टिस्का चोपड़ा और आशीष विद्यार्थी जैसे मंझे कलाकारों ने अभिनय किया था। तो वहीं फिल्म तलवार की स्क्रिप्ट जाने-माने निर्देशक विशाल भारद्वाज ने खुद महीनों की रिसर्च के बाद लिखी थी।
इस फिल्म को मेघना गुलजार ने निर्देशित किया था। दोनों फिल्मों की खास बात यह थी कि इनमें आरुषि मर्डर मिस्ट्री को रीक्रिएट करने का प्रयास किया गया था। मर्डर की रात क्या-क्या हुआ होगा, मर्डर में किन हथियारों का इस्तेमाल किया गया होगा, मामले कैसे खुला आदि बिंदुओं के तह तक जाने का प्रयास किया गया था, लेकिन दोनों फिल्में किसी नतीजे (कन्क्लूजन) तक नहीं पहुंच पाईं।
फिल्म रहस्य का तलवार दंपति ने किया था विरोध
मनीष गुप्ता निर्देशित फिल्म रहस्य का तो तलवार दंपति ने काफी विरोध भी किया था। बाद में मनीष गुप्ता को अपनी सफाई देनी पड़ी थी और उन्होंने कहा था कि फिल्म सस्पेंस ड्रामा है। इसका आरुषि मर्डर से सीधा ताल्लुक नहीं है।
अविरुक सेन की किताब में जांच पर सवाल
मर्डर मिस्ट्री पर पत्रकार अविरुक सेन की किताब आरुषि ने काफी चर्चा में रही। इस किताब में अविरुक सेन ने सीबीआई की जांच प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े किए हैं और सिलसिलेवार इसे बयान किया है। दूसरी तरफ एक अन्य पत्रकार ने भी इसी घटना पर कातिल जिंदा हैं - एक थी आरुषि नाम से किताब लिखी है। जिसमें पूरी घटना की पड़ताल करने की कोशिश की गई है।
मिलनसार स्वभाव की थी आरुषि
आरुषि दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस), नोएडा की छात्रा थी। उसे याद करते हुए वहां के शिक्षक और कर्मचारी कहते हैं कि वह बहुत मिलनसार स्वभाव की थी। सभी का अभिवादन करती थी। कक्षा में सभी से उसकी दोस्ती थी। पढऩे में भी ठीक थी।