अवैध रूप से नोएडा में रह रहे दो बांग्लादेशी गिरफ्तार, आठ साल पहले आए थे भारत
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने आपको बांग्लादेश का निवासी बताया। दोनों ने बताया कि करीब आठ वर्ष से वह भारत में रह रहे हैं। इससे पहले वह दिल्ली में रहते थे।
नोएडा [जेएनएन]। दादरी कोतवाली क्षेत्र के चिटहेरा गांव से पुलिस ने बिना वीजा के रह रहे दो बांग्लादेशी युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान बाबू व कालू निवासी गांव बोदनी बागा, थाना मोरुलगंज जिला खुलना बांग्लादेश के रूप में हुई है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि दोनों आठ साल पहले भारत आए थे और लंबे समय से अवैध रूप से दिल्ली व ग्रेटर नोएडा में अलग-अलग ठिकानों पर छिप कर रह रहे थे।
आठ साल से भारत में थे
पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया और वहां से जेल भेज दिया। दादरी कोतवाली प्रभारी रामसेन सिंह ने बताया कि पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि चिटहेरा गांव के एक मकान में दो बांग्लादेशी किराये पर रहते हैं। जैसे ही दोनों किराए के मकान से निकलकर रेलवे रोड पर पहुंचे तभी मुखबिर ने फिर सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने दोनों को दादरी रेलवे रोड पर निर्माणाधीन पुल के समीप से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में दोनों आरोपियों ने अपने आपको बांग्लादेश का निवासी बताया। दोनों ने बताया कि करीब आठ वर्ष से वह भारत में रह रहे हैं। इससे पहले वह दिल्ली में रहते थे।
अपहरण की थी सूचना
पुलिस को मकान मालिक से भी सूचना मिली थी कि दोनों किराएदार ने उसकी बेटी का अपहरण कर लिया है। सूचना पर पुलिस ने जांच की तो मुखबिर की सूचना मिली कि दोनों आरोपी बांग्लादेशी हैैं और बिना वीजा के ग्रेटर नोएडा के दादरी में रह रहे हैं। पुलिस को जब यह पता चला कि दोनों आठ साल से भारत में है तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए। पुलिस जल्द से जल्द दोनों को गिरफ्तार करने में लग गई और बृहस्पतिवार दोपहर कामयाबी हाथ लगी।
खुफिया एजेंसी को दी सूचना
गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने दो बांग्लादेशी युवकों को गिरफ्तार करने की सूचना खूफिया एजेंसी को भी दे दी है, जिससे उनका पुराना इतिहास पता चल सके कि आठ साल तक भारत में वह कहां-कहां रहे हैं। हालांकि, दोनों ने पुलिस पूछताछ में कोई अहम जानकारी पुलिस को नहीं दी।
बांग्लादेशी आतंकी पकड़े जाने के बाद भी नहीं चेता एलआइयू विभाग
ग्रेटर नोएडा में संदिग्ध व्यक्तियों का मिलना लगातार जारी है। एक महीने पहले भी ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर क्षेत्र से एटीएस ने दो बांग्लादेशी आतंकियों को गिरफ्तार किया था। इसके बाद भी एलआइयू विभाग नहीं जागा। जिले में विदेशी व्यक्तियों के सत्यापन अभियान की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप है। दो साल में दादरी में महज 613 किराएदरों के सत्यापन किए गए, जबकि चार हजार से अधिक किराएदार दादरी में रहते हैं। ग्रेटर नोएडा में पुलिस व एलआइयू की लापरवाही से सुरक्षा में भारी चूक की जा रही है। यही कारण है कि सत्यापन अभियान की हवा निकलती जा रही है।
दादरी में किरायेदारों की भरमार, नहीं होता सत्यापन
दादरी व ग्रेटर नोएडा में पहले भी विदेशी अपराधी पकड़े जा चुके हैं, जो किराये पर रहकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है कि पुलिस व एलआइयू द्वारा किरायेदारों का सत्यापन नहीं किया जाता है। दादरी निवासी अधिवक्ता विशाल नागर ने बताया कि दादरी क्षेत्र में लगभग चार हजार से अधिक लोग किराये पर रहते है।
दो वर्ष में मात्र 613 किरायेदारों का सत्यापन
विशाल नागर ने बताया कि उन्होंने जनसूचना अधिकार के तहत पुलिस से दादरी में किरायेदारों के सत्यापन की सूची मांगी थी। पुलिस से मिली जानकारी से पता चला कि 2017 में 416 किरायेदारों का सत्यापन किया गया, जबकि 2018 में मात्र 197 किरायेदारों का पुलिस सत्यापन किया गया। सत्यापन अभियान की रफ्तार धीमी होने की वजह से आपराधिक व्यक्ति इसका फायदा उठाते हैं।