Move to Jagran APP

दिल्ली से सटे नोएडा में फर्जी डीएल, आधार कार्ड व पैन कार्ड बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, दो गिरफ्तार

एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा अंकुर अग्रवाल बताया कि बुधवार को पुलिस ने सेक्टर-93 स्थित गेझा कार मार्किट से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान गेझा गांव में रहने वाले सचिन व वाजिदपुर गांव में रहने वाले आलम के रूप में हुई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 05:53 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 05:53 PM (IST)
फर्जी आधार कार्ड और पहचान पत्र तैयार कर बेचने वाले दो आरोपित गिरफ्तार

नोएडा [मोहम्मद बिलाल]। फेस-2 कोतवाली पुलिस ने फर्जी डीएल, आधार कार्ड, पैन कार्ड और पहचान पत्र बनाकर उसे महंगे दामों में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित फर्जी दस्तावेज बनाकर प्रतिमाह करीब एक लाख रुपये कमा रहे थे। पुलिस ने दोनों आरोपितों को कोर्ट में पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है।

loksabha election banner

एडिशनल डीसीपी सेंट्रल नोएडा अंकुर अग्रवाल बताया कि बुधवार को पुलिस ने सेक्टर-93 स्थित गेझा कार मार्किट से दो युवकों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान गेझा गांव में रहने वाले सचिन व वाजिदपुर गांव में रहने वाले आलम के रूप में हुई है। आरोपितों के कब्जे से 19 फर्जी डीएल, नौ ब्लैंक कार्ड, पांच पैन कार्ड , 37 ब्लैंक पैन कार्ड, 55 वोटर आइडी ब्लैंक कार्ड, 60 आधार कार्ड ब्लैंक, 250 ब्लैंक आईडी कार्ड, लैपटाप, सीपीयू, मानिटर, प्रिंटर, कीबोर्ड, माउस आदि सामान और 42 हजार रुपये नकद बरामद किए गए हैं।

आरोपित घर पर ही नकली ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आधार कार्ड और वोटर आइडी कार्ड बनाकर उसे असली बताकर लोगों को ठग रहे थे और इसके बदले में उनसे अधिक पैसे लेते थे।

जाली दस्तावेज के रूप में हो रहा इस्तेमाल

एसीपी सेंट्रल नोएडा अब्दुल कादिर ने बताया कि आरोपित जिन लोगों को फर्जी आइडी बनाकर दी है। वह लोगों से इसे किराए पर कमरा लेने, बैंक से लोन लेने, साइबर ठगी व अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं। पुलिस उन लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है, जिन लोगों को आरोपितों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर दिए हैं।

1200 में ड्राइविंग लाइसेंस और 150 रुपये में आधार कार्ड

कोतवाली प्रभारी सुजीत उपाध्याय ने बताया कि आरोपित पिछले एक वर्ष से फर्जी दस्तावेज बनाने का काम कर रहे थे। अबतक सैकड़ों लोगों को फर्जी दस्तावेज बनाकर दे चुके हैं। ड्राइविंग लाइसेंस के 1200, आधार कार्ड के 150 और पैन कार्ड के 200 रुपये लेते थे। इन फर्जी आइडी कार्ड के जरिये आरोपित प्रतिमाह करीब एक लाख रुपये कमा रहे थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.