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दिल्ली दंगा मामले की सुनवाई कर रहे जज का ट्रांसफर, राउज एवेन्यू कोर्ट में मिली नई जिन्मेदारी

दिल्ली दंगे के मामलों की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव का स्थानांतरण राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश (पीसी कानून) के रूप में कर दिया गया है। कड़कड़डूमा कोर्ट में उनकी जगह न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट पद संभालेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 07 Oct 2021 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 07 Oct 2021 05:14 PM (IST)
दिल्ली दंगा मामले की सुनवाई कर रहे जज का ट्रांसफर, राउज एवेन्यू कोर्ट में मिली नई जिन्मेदारी
दिल्ली दंगा मामले की सुनवाई कर रहे जज का ट्रांसफर

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली दंगे के मामलों की सुनवाई कर रहे अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव का स्थानांतरण राउज एवेन्यू कोर्ट में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश (पीसी कानून) के रूप में कर दिया गया है। कड़कड़डूमा कोर्ट में उनकी जगह न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट पद संभालेंगे। इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन ने नोटिस जारी किया है। नोटिस में स्थानांतरित न्यायिक अधिकारियों को उन मामलों को अधिसूचित करने का निर्देश दिया गया है जिनमें वह निर्णय या आदेश सुरक्षित रख चुके हैं।

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न्यायाधीश विनोद यादव ने दंगे के कई मामलों में सुनवाई करते हुए पुलिस की जांच के मानकों को खराब बताया था। एक मामले में जांच पर नजर रखने और लापरवाह पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त से हस्तक्षेप करने को कहा था।

पुलिसकर्मियों ने दी विरोधाभासी गवाही, कोर्ट ने कहा खेदजनक

दिल्ली दंगे के एक मामले में दो पुलिसकर्मियों ने कड़कड़डूमा कोर्ट में विरोधाभासी गवाह दी। इस पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विनोद यादव ने कहा कि पुलिस गवाहों में से कोई एक शपथ लेकर झूठ बोल रहा है, जोकि दंडनीय अपराध है। यह खेदजनक स्थिति है। कोर्ट ने इस मामले में उत्तर पूर्वी जिले के डीसीपी से रिपोर्ट मांगी है।

गत वर्ष 26 फरवरी को गोकलपुरी इलाके में भागीरथी विहार मुख्य नाला रोड के किनारे अफजाल सैफी के घर में लूटपाट के बाद आग लगा दी गई थी। इसी जगह पर पीड़ित शोएब की दुकान को लूटा गया था। इन दोनों शिकायतों को जोड़ कर उस वक्त प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें आरोपित दिनेश यादव उर्फ माइकल, साहिल उर्फ बाबू, संदीप उर्फ मोगली और टिंकू के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं।

गवाही के दौरान एक हेड कांस्टेबल सनोज ने शपथ लेकर कोर्ट को बताया कि उसने नाम और पेशे से तीन अन्य आरोपितों की पहचान की थी। वह आरोपित विकास कश्यप, गोलू कश्यप और रिंकू सब्जीवाला हैं। हेड कांस्टेबल ने इस बात पर जोर दिया कि वह घटना के वक्त मौके पर था और घटना वाले क्षेत्र में वर्ष 2019 से बीट अधिकारी था।

वहीं जांच अधिकारी एएसआइ राम दास ने कहा कि उन तीन आरोपितों की जांच के दौरान पहचान नहीं हुई थी, जिनके नाम हेड कांस्टेबल ने लिए थे। इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई दस्तावेज नहीं है कि तीनों आरोपितों के नाम रिकार्ड में होने के बावजूद उनकी कभी जांच की गई थी। इस पर कोर्ट ने कहा दोनों में से तो झूठ बोल रहा है।


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