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हवा और AC से फैल रहा कोरोना संक्रमण ! दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका पर हुई सुनवाई

अधिवक्ता युगांश मित्तल और अमित शाही सिंह ने दावा किया कि हवाई मार्ग से फैलने वाले COVID-19 वायरस के खतरे को कम करने के लिए एयर कंडीशनिंग वाले भवनों में ताजी हवा में परिवर्तन प्रदान किया जाना चाहिए।

By Jp YadavEdited By: Published: Thu, 05 Aug 2021 03:07 PM (IST)Updated: Thu, 05 Aug 2021 03:07 PM (IST)
हवा और AC से फैल रहा कोरोना संक्रमण ! दिल्ली हाई कोर्ट में दायर याचिका पर हुई सुनवाई

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। दिल्ली-एनसीआर समेत देश भर में कोरोना वायरस के खतरा के देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली सरकार और अन्य को निर्देश दिया कि वे बिना वेंटिलेशन वाले एयर कंडीशनिंग वाले बंद स्थानों में कोरोना वायरस संक्रमण के हवा में प्रसार के जोखिम के खिलाफ चेतावनी देने वाली याचिका को प्रतिनिधित्व के रूप में मानें।दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सिंह की पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र और दिल्ली सरकार के साथ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति, दिल्ली विकास प्राधिकरण, दिल्ली नगर निगम और भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा इस संबंध में तय किया जाए। 

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अदालत ने कहा कि चूंकि इस मुद्दे पर एक विशेषज्ञ निकाय द्वारा विचार किया जाना है और एक नीति तैयार करने की आवश्यकता है, इसलिए इसे जिम्मेदार संस्थाओं के हवाले किया जाए।

अधिवक्ता युगांश मित्तल और अमित शाही, सिंह ने दावा किया कि हवाई मार्ग से फैलने वाले COVID-19 वायरस के खतरे को कम करने के लिए एयर कंडीशनिंग वाले भवनों में ताजी हवा में परिवर्तन प्रदान किया जाना चाहिए।

याचिका में कहा गया है कि खुली खिड़कियों या उचित कमजोर वेंटिलेशन वाले एयर कंडीशनर का उपयोग करना गेम-चेंजर के रूप में काम कर सकता है।

बता दें कि पिछले साल देश भर में कोरोना वायरस के खतरा के देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने तय किया था कि सीजन के दौरान कोर्ट के अंदर एसी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम से संक्रमण के बढ़ते खतरा के मद्देनजर कोर्ट ने ये फैसला लिया था। कोर्ट ने कहा था कि हाई कोर्ट प्रांगण में सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम को बंद ही रखा जाएगा। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने यह फैसला उस याचिका पर सुनाया था, जिसमें उन इमारतों में सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम ना चलाने की मांग की गई थी, जहां पर लोग अभी भी आवश्यक सेवाओं के लिए काम कर रहे हैं।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कोरोना वायरस से निपटने का यही एक कारगर तरीका है कि सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम को भी बंद कर दिया जाए। दरअसल, कई रिपोर्ट में यह सामने आया है कि अगर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति सेंट्रलाइज्ड एसी सिस्टम में काम कर रहा है, तो उसके साथ मौजूद वो लोग भी संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। 


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