जनता के दबाव में आकर दिल्ली सरकार ने बदली पार्किंग नीति, कुछ इस तरह होगी नई व्यवस्था
विरोध के बाद सरकार ने पार्किंग नीति में बड़ा बदलाव किया है। जिन बिंदुओं के लागू होने से जनता को परेशानी होती वे सभी बिंदु हटा दिए गए हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। जनता के विरोध के बाद सरकार ने पार्किंग नीति में बड़ा बदलाव किया है। जिन बिंदुओं के लागू होने से जनता को परेशानी होती, वे सभी बिंदु हटा दिए गए हैं। दिल्ली सरकार ने नई पार्किंग नीति का बुधवार को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया। एक महीने तक इस पर जनता के सुझाव लिए जाएंगे और उसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने करीब दो साल पहले पार्किंग नीति तैयार की थी। इसमें निजी वाहनों की संख्या कम करने के लिए सख्त कदम उठाने की बात थी। सरकार ने जब इस पर जनता के सुझाव मांगे तो लोगों ने इसका खुलकर विरोध किया। नई नीति के अनुसार रिहायशी इलाके में भवनों के सामने पार्किंग बनाने पर स्थानीय लोगों को वाहनों को खड़ा करने की सहूलियत दी जाएगी। बाहर के लोग स्थानीय निवासी की जगह घेरकर वाहन नहीं खड़े कर सकेंगे।
दिल्ली में नई गाड़ी को परमिट तभी मिलेगा जब पार्किंग के लिए उपलब्ध जगह की जानकारी दी जाएगी। इसी जानकारी के आधार पर गाड़ी के परमिट का नवीनीकरण होगा। वाहन मालिक को नगर निगम के ठेकेदार से एक वर्ष की पार्किंग के लिए अधिकृत होने का पत्र प्राप्त कर परिवहन कार्यालय में जमा कराना होगा। एनडीएमसी व नगर निगमों को पार्किग चार्ज वसूलने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करना होगा। उन्हें पार्किंग मीटर लगाना होगा, कंप्यूटरीकृत पार्किंग स्लिप देने की मशीन रखनी होगी, जिसमें समय बताना अनिवार्य होगा।
एप आधारित पार्किंग शुल्क वसूली और मॉनिटरिंग सिस्टम लागू होगा। पार्किंग मीटर लगाने से यह पता चलेगा कि कितनी गाड़ियां खड़ी हो सकती हैं। इससे नियमों का उल्लंघन कम होगा व जनता को पार्किंग की जगह की उपलब्धता की जानकारी मिलेगी।
ऑन स्ट्रीट पार्किंग
कम देर के लिए गाड़ी खड़ी करने पर ऑन स्ट्रीट पार्किंग की सुविधा मिलेगी। इसकी समयसीमा एक घंटा होगी। लंबे समय तक (एक घंटे से ज्यादा) पार्किंग के लिए अनुमति आसानी से नहीं मिलेगी। चौराहे से 25 मीटर दूरी तक पार्किंग की सुविधा नहीं दी जाएगी। फायर स्टेशन, बिजली सब स्टेशन के गेट के आस-पास भी पार्किंग की सुविधा नहीं होगी।
ऑफ स्ट्रीट व मल्टीलेवल पार्किंग
दुकानदारों, स्थानीय कामकाजी व्यक्तियों, कार्यालय जाने वालों, जिन्हें लंबे समय तक पार्किंग की जरूरत है, उन्हें ऑफ स्ट्रीट व मल्टीलेवल पार्किंग का सहारा लेना होगा। -नगर निगम को रिहायशी इलाके को छोड़कर अन्य जगह तलाशनी होगी, जहां रात के समय भारी वाहनों को पार्क करने की अनुमति दी जा सकेगी। रात में पार्किंग के लिए वाहन मालिक को शुल्क देना होगा।
रिहायशी इलाके में पार्किंग नीति पार्किंग नीति के अनुसार रिहायशी कॉलोनी में खुले स्थान में पार्किंग की अनुमति होगी। स्थानीय नागरिकों व रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की सहमति से कॉलोनियों में पार्किंग व्यवस्था तय होगी। यहां पार्किंग चार्ज लगेगा। निगमों को रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ मिलकर पार्किंग चार्ज तय करना होगा।
बिजली से चलने वाली गाड़ियों के लिए होगी व्यवस्था इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए नगर निगमों को रात के समय पार्किंग की विशेष व्यवस्था करनी होगी। पार्किंग स्थलों पर चार्जिग की भी व्यवस्था करनी होगी। सामान्य पार्किंग स्थलों पर भी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चार्ज करने की व्यवस्था होगी।