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AIR POLLUTION: छठ व्रतियों को प्रदूषण से बचाने के लिए उठाया ये कदम

हवा की कम गति ने प्रदूषण के स्‍तर को कम नहीं होने दिया। जिले में प्रदूष्‍ण का स्‍तर अब भी खतरनाक स्‍तर पर है। विभाग की पहल पर छठव्रतियों को प्रदूषण से बचाने के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

By Edited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:12 PM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 06:40 PM (IST)
AIR POLLUTION: छठ व्रतियों को प्रदूषण से बचाने के लिए उठाया ये कदम

साहिबाबाद, जेएनएन। हवा की गति कम होने का असर गाजियाबाद के वायु प्रदूषण में साफ तौर पर देखने को मिला। सोमवार को गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स 428 दर्ज किया गया। वहीं पीएम-10 483 और पीएम-2.5 299 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जो रविवार की तुलना में कुछ कम अवश्य हुआ लेकिन अभी भी जिले का वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति में बना हुआ है।

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जिले का वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्थिति में
सोमवार को गाजियाबाद में हवा की गति डेढ़ से दो किलोमीटर प्रति घंटा पहुंच जाने के कारण वायुमंडल में धूल के कण ठहर गए। इसके कारण दिनभर स्मॉग की चादर जमी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े के अनुसार सोमवार को पीएम-10 और पीएम-2.5 की मात्रा में मामूली गिरावट दर्ज की गई है।

एयर क्वालिटी में भी थोड़ा सुधार हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अशोक तिवारी ने बताया है कि हवा की गति रुकने के कारण वायुमंडल में धूल के कण ठहर गए जिसके कारण आबोहवा अधिक प्रभावित हुई है।

छठ व्रतियों को प्रदूषण से बचाने के लिए उठाया कदम
जिले की दिनोंदिन बिगड़ती आबोहवा को कुछ साफ बनाने के लिए छठ पर्व के कारण हरनंदी घाट पर सोमवार को पार्षद मनोज गोयल ने पेड़ों और हरनंदी के आसपास छिड़काव किया। इस दौरान उन्होंने नगर निगम अधिकारियों से मंगलवार सुबह दोपहर व पूजन से पहले भी छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए छिड़काव करने की मांग की है। उनका कहना है कि छठ पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु छठ मैया की हरनंदी घाट पर पूजा करेंगे ऐसे में यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कम से कम प्रदूषण का सामना करना पड़े ऐसा उनका प्रयास रहेगा।

डॉक्‍टरों की सलाह
प्रदूषण के चलते सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ी है। इस दौरान ओपीडी में मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। सांस के मरीजों के साथ बुजुर्गों को भी घर में रहने की सलाह दे रहा हूं। बाहर निकलना जरूरी हो तो मास्क का प्रयोग करें।
डॉ अर्जुन खन्ना, सीनियर कंसल्टेंट रेसपिरेटरी मेडिसिन, यशोदा अस्पताल

प्रदूषण के कण लोगों की सांस के साथ अंदर जा रहे हैं। इससे मरीजों की संख्या बढ़ी है। घर से निकलते समय मास्क का प्रयोग जरूर करें। साथ ही घर में रहने वाले लोग खिड़की दरवाजे बंद रखें जिससे प्रदूषण के कण अंदर न आएं।
डॉ राजेश गुप्ता, वरिष्ठ कंसल्टेंट पल्मनोलॉजी, मैक्स अस्पताल वैशाली


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