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उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सुगम सड़क मार्ग से खुलेगी विकास की राह

नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने बताया कि सरकार की नई औद्योगिक नीति में एक्सप्रेस-वे के दो किलोमीटर क्षेत्र में औद्योगिक वाणिज्यिक व संस्थागत विकास किया जाना है। ऐसे में एनसीआर के वर्तमान में संचालित उद्योगों के साथ तमाम गांव को सरकार की नीति से फायदा मिलेगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 11 Mar 2021 03:20 PM (IST)Updated: Thu, 11 Mar 2021 03:20 PM (IST)
उद्योग को बढ़ावा देने के लिए सुगम सड़क मार्ग से खुलेगी विकास की राह
देश-विदेश के निवेशक इस क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आएंगे

यशलोक। एक राज्य से दूसरे राज्यों को जोड़ने के लिए जिस तरह सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, उससे केवल एनसीआर ही नहीं देशभर के औद्योगिक क्षेत्रों को भविष्य में बड़ा लाभ होने वाला है। कुंडली-मानेसर-पलवल, कुंडली-गाजियाबाद-पलवल और निर्माणाधीन दिल्ली-मुंबई-बडोदरा एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास, विस्तार और निवेश के लिए तो मील का पत्थर साबित होगा ही, साथ ही माल ढुलाई भी आसान और सस्ती हो जाएगी। औद्योगिक माल को गंतव्य तक पहुंचाने में भी गतिशीलता आएगी। हर प्रकार के उद्योग और कारोबार के लिए सड़कें लाइफलाइन की तरह होती हैं। वर्तमान में जिस तरह से सड़कों को जोड़ने पर ध्यान दिया जा रहा है, उससे आने वाले दिनों में एनसीआर के औद्योगिक क्षेत्रों की दशा और दिशा में सकारात्मक बदलाव आएगा।

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समय की होगी बचत : किसी भी शहर में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सड़कों का होना बहुत जरूरी है। निर्माणाधीन दिल्ली- मुंबई-बडोदरा एक्सप्रेस-वे की अगर बात करें तो इससे मुंबई, दिल्ली, बडोदरा, सूरत, रतलाम, फरीदाबाद, अलवर और कोटा सीधे तौर पर एक दूसरे से जुड़ जाएंगे। अधिकतर औद्योगिक माल की ढुलाई इन्हीं रूटों पर होती है। इससे उद्योगों को छोटा-मोटा नहीं, बल्कि भारी-भरकम लाभ होगा। जैसे आज से कुछ साल पहले की अगर बात करें तो मुंबई से अगर कोई ट्रक माल लेकर चलता था तो गुरुग्राम पहुंचने में उसे करीब 15 दिन लग जाते थे। अब यही ट्रक चार से पांच दिनों में आ जाता है। इस एक्सप्रेस-वे के बनने से और कम समय लगेगा। जो उद्योगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। यह रास्ता हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के अति पिछड़े इलाकों से भी गुजरेगा, इससे इन क्षेत्रों का भी विकास हो सकेगा। दिल्ली सहित अन्य पांच राज्यों के विकास के लिए इसे ग्रोथ इंजन कहा जा सकता है।

कारोबार को यहां से मिलेगा विस्तार : कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे के किनारे पांच नए शहर (पंचग्राम) बनाने और इसके दोनों ओर दो किलोमीटर के दायरे में औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र विकसित करने की योजना से उद्योग एवं कारोबार का क्षेत्र व्यापक बनेगा।

निवेश को लगेंगे पंख

  • देश-विदेश के निवेशक इस क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आएंगे
  • औद्योगिक, व्यावसायिक, इंस्टीट्यूशनल व आवासीय क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी उम्मीद
  • 1290 किमी लंबा है दिल्ली-मुंबई-बडोदरा एक्सप्रेस-वे इस मार्ग से जाने वालों के लिए एक शुरुआती रास्ता सोहना रोड होगा और दूसरा दिल्ली-नोएडा Flyover

नोएडा एंटरप्रिनियोर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विपिन कुमार मल्हन ने बताया कि सरकार की नई औद्योगिक नीति में एक्सप्रेस-वे के दो किलोमीटर क्षेत्र में औद्योगिक, वाणिज्यिक व संस्थागत विकास किया जाना है। ऐसे में एनसीआर के वर्तमान में संचालित उद्योगों के साथ-साथ तमाम गांव को सरकार की नई नीति से फायदा मिलेगा। औद्योगिकरण का विस्तार होगा, जिससे लोगों को रोजगार के नए-नए अवसर प्राप्त होंगे। अभी यहां के ग्रामीण गेहूं, गन्ना, फल सब्जी, दूध-दही, ईट-भट्टे समेत अन्य छोटे-छोटे कारोबार पर निर्भर हैं, लेकिन नई कनेक्टिविटी मिलने से इनके यह छोटे-छोटे कारोबार बड़ी इंडस्ट्री में तब्दील हो सकते हैं। नोएडा ग्रेटर नोएडा तमाम गांव पूरी तरह से शहरीकरण में तब्दील हो चुके हैं, जिनके जीवन स्तर में काफी सुधार होगा।

[पवन यादव अध्यक्ष, आइएमटी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन, मानेसर]


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