दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में बेतहाशा बढ़ोतरी, हवा हवाई हुए दिल्ली पुलिस के सभी दावे
इस वर्ष राजधानी में 31 अक्टूबर तक दुष्कर्म के 1725 मामले दर्ज किए हैं जबकि गत वर्ष एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक यह आंकड़ा 1429 था। अपहरण के मामलों में भी इस वर्ष बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस वर्ष 31 अक्टूबर तक अपहरण के 3117 मामले दर्ज किए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों को प्राथमिकता पर लेने वाले दिल्ली पुलिस के दावे इस साल फिर हवाई साबित होकर रह गए। राजधानी में इस साल महिलाओं से संबंधित सभी तरह के अपराध में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल की तुलना में दुष्कर्म में 20 फीसद की वृद्धि हुई है। दिल्ली पुलिस के आंकड़े अपराध रोकने के तमाम प्रयास फेल बता रहे हैं। वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 में छेड़छाड़, दहेज प्रताड़ना की घटनाओं में 30 से 40 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। अपराध का यह आंकड़ा ऐसे समय में बढ़ा है, जब डेढ़ माह तक दिल्ली में कोरोना के चलते लाकडाउन लगा हुआ था।
दिल्ली पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि महिला सुरक्षा को लेकर पुलिस द्वारा उठाए गए कदम कितने कारगर हैं। वर्ष 2020 के मुकाबले इस वर्ष महिलाएं घर के अंदर और बाहर सभी तरह के अपराधों का अधिक शिकार हुई हैं। घर के भीतर जहां दहेज प्रताड़ना, दहेज हत्या, दुष्कर्म का उन्हें शिकार बनाया गया तो वहीं घर के बाहर छेड़छाड़, फब्ती कसने एवं अपहरण की वारदातों का उन्हें सामना करना पड़ा।
पुलिस भले ही महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन यह आंकड़े अपने आप में ही पुलिस के दावों की पोल खोल रहे हैं। यह स्थिति तब है जब कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए भारी संख्या में एसएचओ से लेकर वरिष्ठ अधिकारियों तक के तबादले किए हैं। साथ ही राजधानी में पहली बार 15 जिलों में से छह में महिला डीसीपी व आठ थानों की एसएचओ महिला नियुक्त की गई हैं।
इस वर्ष राजधानी में 31 अक्टूबर तक दुष्कर्म के 1,725 मामले दर्ज किए हैं जबकि गत वर्ष एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक यह आंकड़ा 1,429 था। अपहरण के मामलों में भी इस वर्ष बेतहाशा वृद्धि हुई है। इस वर्ष 31 अक्टूबर तक अपहरण के 3,117 मामले दर्ज किए जबकि गत वर्ष यह आंकड़ा एक जनवरी से 31 अक्टूबर तक 2,226 था।