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बवाना अग्निकांड: झूठा साबित हुआ केजरीवाल का दावा, पीड़ित को नहीं मिला मुआवजा

बवाना अग्निकांड के पीड़ित हरचरन सिंह ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें अभी तक कोई मुआवजा राशि नहीं मिला है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 11:18 AM (IST)Updated: Thu, 24 Jan 2019 11:42 AM (IST)
बवाना अग्निकांड: झूठा साबित हुआ केजरीवाल का दावा, पीड़ित को नहीं मिला मुआवजा
बवाना अग्निकांड: झूठा साबित हुआ केजरीवाल का दावा, पीड़ित को नहीं मिला मुआवजा

नई दिल्ली, एएनआइ। साल 2018 में हुए बवाना अग्निकांड के पीड़ित हरचरन सिंह ने दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्हें अभी तक कोई मुआवजा राशि नहीं दिया गया है। हरचरन सिंह ने कहा कि बहन रीमा को खोए एक साल बीत चुके हैं, लेकिन सरकार की तरह से घोषित पांच लाख मुआवजा नहीं मिला है। पीड़ित ने कहा कि हम लोग मुआवजे के लिए प्रशासन का कई बार चक्कर लगा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। हरचरन ने कहा कि हम लोग गरीब हैं, हमें न्याय चाहिए। 

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(हरचरन सिंह की मृतक बहन रीमा की फाइल फोटो)

सरकारी दफ्तर का कई बार लगाया चक्कर- पीड़ित

बवाना अग्निकांड के पीड़ित हरचरन सिंह का कहना है कि दिल्ली सरकार ने साल भर पहले किया वादा अभी तक नहीं निभाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगाने से परेशान हो गया हूं लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की।

दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने की थी मुआवजे की घोषणा

बता दें कि दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र में स्थित एक कंपनी में 20 जनवरी 2018 को भयंकर आग लग गई थी। इसमें 17 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 30 लोग झुलस गए थे। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जांच के आदेश दिए थे और मृतकों के परिजनों को पांच लाख रुपए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की थी। आरोप है कि, केजरीवाल के घोषणा के बाद भी मुआवजा नहीं दिया गया।

दो मंजिला फैक्ट्री में लगी थी आग

20 जनवरी 2018 को हादसे के समय दो मंजिला फैक्ट्री में 50 लोग अंदर फंसे हुए थे।  राहत और बचाव कार्य के दौरान करीब 15 लोगों को बाहर निकाला गया था। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अंदर फंसे कई लोगों ने फैक्ट्री से कूद की जान बचाई। करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया था। फैक्ट्री में आग लगी आग इतनी भयानक थी कि मौके से बाहर निकल ही नहीं सके। जिस समय आग लगी, उस दौरान इन फैक्ट्रियों में 50 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे थे।

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