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कीमत ही नहीं फलों और सब्जियों की खासियत भी बताते हैं ये कोड

कोडिंग आईएफपीएस द्वारा की निर्धारित की जाती है। आईएफपीएस पूरी दुनिया में फलों और सब्जियों पर होने वाली कोडिंग की नियामक संस्था (रेग्युलेट्री बॉडी) है।

By Amit SinghEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 03:27 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 03:43 PM (IST)
कीमत ही नहीं फलों और सब्जियों की खासियत भी बताते हैं ये कोड
कीमत ही नहीं फलों और सब्जियों की खासियत भी बताते हैं ये कोड

नई दिल्ली (जेएनएन)। क्या आपने कभी मॉल, मेगा स्टोर्स या बाजारों में बिकने वाले स्टीकर लगे फल या सब्जियों की तरफ ध्यान दिया है। स्टीकर लगे ये फल या सब्जियां आम तौर पर लोगों को ब्रांडेड और कीमती समझ लेते हैं। हालांकि ये स्टीकर केवल फल या सब्जियों की कीमत ही नहीं बताते, बल्कि ये उनकी गुणवत्ता की भी जानकारी देते हैं। फल या सब्जियों पर लगे इस स्टीकर को प्राइस लुक अप (पीएलयू) कोड कहते हैं। इसमें एक्सापयरी तिथि और दाम के साथ कोड के जरिए ये भी लिखा होता है कि उसे रसायनिक विधि से उगाया गया है या जैविक विधि से। पीएलयू कोड की शुरूआत किसी विशेष अंक से होती है। आज हम आपको बताते हैं इन कोड को कैसे डिकोड कर सकते हैं।

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9 से शुरू होने वाला कोड

जिन फलों या सब्जियों पर 9 अंक से शुरू होने वाला पांच अंक का कोड होता है, वह जैविक होता है। अगर किसी फल पर 93437 लिखा है तो इसका अर्थ है कि उसे जैविक (ऑर्गेनिक) तरीके से उगाया गया है। जैविक विधि से उगाए जाने की वजह से इनकी कीमत अन्य फलों की अपेक्षा थोड़ी ज्यादा हो सकती है। हालांकि ये फल आम फलों के मुकाबले सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद होते हैं।

गैर-ऑर्गेनिक फल

कुछ फलों पर 5 अंकों की संख्‍या वाला स्‍टीकर होता है जिसका कोड 8 के अंक से शुरू होता है। जैसे किसी फल पर अगर 84131 लिखा स्टीकर चिपका हो तो उसका मतलब है कि इन फलों में अनुवांशिक संशोधन किया गया है। इस तरह के फल गैर-ऑर्गेनिक फल कीश्रेणी में आते हैं।

कीटनाशक और रसायनों से तैयार फल

कुछ फलों में चार अंको की संख्‍या वाले स्‍टीकर लगे होते हैं। इन पर 4026 या 3283 आदि तरह का स्‍टिकर लगा होता है। इसका मतलब है कि इस तरह के फल कीटनाशक और रसायनों द्वारा उगाए गए हैं। इस तरह के स्‍टीकर वाले फल ऑर्गेनिक फलों की तुलना में काफी सस्‍ते होते हैं।

दुनिया भर में 2001 से शुरू हुए थे ये स्टीकर

स्टीकर का मतलब तो समझ गए, लेकिन ये भी जानना जरूरी है कि फल या सब्जियों पर ये कोडिंग कौन करता है। क्या फल या सब्जी उगाने वाले किसान ये कोडिंग करते हैं या दुकानदार खुद फलों या सब्जियों पर ये कोडिंग करते हैं। जी नहीं, फलों पर होने वाली ये कोडिंग अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होती है। ये कोडिंग दि इंटरनेशनल फेडरेशन फॉर प्रोड्यूस स्टैंडर्डस (आईएफपीएस) द्वारा की निर्धारित की जाती है।

आईएफपीएस पूरी दुनिया में फलों और सब्जियों पर होने वाली कोडिंग की नियामक संस्था (रेग्युलेट्री बॉडी) है। आईएफपीएस पूरी दुनिया के फल एवं सब्जी संबंधी एसोसिएशन का एक संघ है। इसकी स्थापना वर्ष 2001 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फल व सब्जियों की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए पीएलयू कोडिंग तैयार करने के लिए की गई थी।


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