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दक्षिणी निगम ने सबसे पहले वाई-फाई के हाटस्पाट लगाकर लूटी थी वाहवाही, अब उत्तरी निगम ने पछाड़ा

दक्षिणी निगम ने सबसे पहले वाई-फाई के हाटस्पाट लगाकर वाहवाही लूटी थी। अब उसी काम में पीछे हो गया है। एक ओर जहां उत्तरी निगम 104 वार्ड में से 96 वार्ड में वाई-फाई लगाने के लिए स्थान चिह्नित कर चुका है।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 03:38 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 03:38 PM (IST)
दक्षिणी निगम ने सबसे पहले वाई-फाई के हाटस्पाट तैयार किए थे। प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली [निहाल सिंह ]। पूर्वी और उत्तरी निगम की तुलना में आर्थिक रूप से संपन्न दक्षिणी निगम पिछड़ गया है। आलम यह है कि जिस कार्य को शुरू करके दक्षिणी निगम ने सबसे पहले वाई-फाई के हाटस्पाट लगाकर वाहवाही लूटी थी। अब उसी काम में पीछे हो गया है। एक ओर जहां उत्तरी निगम 104 वार्ड में से 96 वार्ड में वाई-फाई लगाने के लिए स्थान चिह्नित कर चुका है। वहीं दक्षिणी निगम अब तक एक हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है। दक्षिणी निगम इलाके में अब तक 104 में से 64 वार्डो में 995 स्थानों पर ही हाटस्पाट के स्थान चिह्नित किए गए हैं, जबकि दक्षिणी निगम 1857 स्थान चिह्नित कर चुका है।

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-वानी) योजना के तहत सस्ते व मुफ्त वाई-फाई हाटस्पाट लगाए जा रहे हैं। निगम की योजना के तहत प्रत्येक वार्ड में 20 स्थानों पर इसके लिए हाटस्पाट लगाए जाने हैं। यह स्थान किराना स्टोर से लेकर पान या चाय की दुकान में भी हो सकते हैं, लेकिन दक्षिणी निगम यह नहीं कर पाया है।

दक्षिणी निगम की वेबसाइट के अनुसार 64 वार्डो में 995 स्थान इसके लिए चिह्नित किए गए हैं। 481 स्थानों पर हाटस्पाट लगा दिए गए हैं। 34 हजार के करीब उपयोगकर्ताओं ने वाई-फाई का उपयोग किया है, जबकि प्रति दिन तीन हजार 842 नए उपयोग कर्ता वाई-फाई उपयोग कर रहे हैं, जबकि उत्तरी निगम की वेबसाइट के अनुसार 104 वार्ड में 96 वार्ड में 1857 स्थानों पर वाई-फाई हाटस्पाट लगाने के लिए चिह्नित कर लिया है। इतना ही नहीं, दक्षिणी निगम की अपेक्षा में 363 अधिक स्थानों पर वाई-फाई हाटस्पाट लगा दिया गया है।

उत्तरी निगम क्षेत्र में 844 स्थानों पर वाई-फाई हाटस्पाट लगा दिए हैं। 35 हजार उपयोगकर्ताओं ने इसे उपयोग कर लिया है। प्रतिदिन चार हजार दो सौ उपयोगकर्ता नए जुड़ रहे हैं। दक्षिणी निगम ने इस योजना को लागू करने का फैसला फरवरी में लिया था। जबकि उत्तरी निगम ने दो माह के बाद यह फैसला लिया था। इसके बावजूद दक्षिणी निगम को उत्तरी निगम ने पछाड़ दिया है।


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