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नशे और आतंक का गठजोड़ फिर आया सामने, 6 आतंकियों से पूछताछ में खुलासा

स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए छह आतंकियों से पूछताछ में यह सामने आया है कि अनीस इब्राहिम को इन्हें भारत में विस्फोटक पदार्थ से लेकर रुपये व अन्य संसाधन उपलब्ध कराने थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर रहा अनीस इब्राहिम नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 09:12 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 09:12 AM (IST)
नशे और आतंक का गठजोड़ फिर आया सामने, 6 आतंकियों से पूछताछ में खुलासा
नशे और आतंक का गठजोड़ फिर आया सामने, 6 आतंकियों से पूछताछ में खुलासा

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। वैश्विक स्तर पर नशे के काले कारोबार और आतंकवाद के गठजोड़ का कुरूप चेहरा एक बार फिर सामने आया है। मुंबई सीरियल बम धमाकों का मास्टरमाइंड मोस्ट वांटेड भगोड़ा अंडरवर्ल्ड डान दाऊद इब्राहिम और उसका भाई अनीस इब्राहिम पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के साथ मिलकर भारत में आतंकी हमलों की बड़ी साजिश रच रहे हैं। स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए छह आतंकियों से पूछताछ में यह सामने आया है कि अनीस इब्राहिम को इन्हें भारत में विस्फोटक पदार्थ से लेकर रुपये व अन्य संसाधन उपलब्ध कराने थे। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के राडार पर रहा अनीस इब्राहिम नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल है और पाकिस्तान के कराची से अपने धंधे को संचालित कर रहा है।

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खुफिया सूत्रों के अनुसार, अनीस इब्राहिम का ड्रग्स सिंडीकेट भारत ही नहीं, जर्मनी, नीदरलैंड और ब्रिटेन में भी सक्रिय है। इन देशों में वह दुबई के रास्ते नशे का काला कारोबार करता है। इससे पहले दाऊद के ड्रग्स के धंधे को यूरोप में इकबाल मिर्ची संभालता था। यूएई के हाई प्रोफाइल ड्रग्स तस्करों में शामिल अनीस इब्राहिम का करीबी सहयोगी कैलाश राजपूत भी मुंबई पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की वांछित सूची में शामिल है। अनीस इब्राहिम का नाम इस साल उस समय भी सामने आया था, जब एनसीबी ने महाराष्ट्र के रायगढ़ से उसके सहयोगी आरिफ भुजवाला को गिरफ्तार किया था। अनीस इब्राहिम के दक्षिण मुंबई में संचालित एक ड्रग्स गिरोह से जुड़े होने के भी सुबूत मिले थे। इससे पहले अक्टूबर 2017 में मुंबई की ठाणे पुलिस ने दाऊद और अनीस को एक प्रतिष्ठित बिल्डर से तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित बनाया था। दाऊद के भाई इकबाल कासकर पर पहले से ही मामला दर्ज है।

दिल्ली पुलिस के अनुसार, जबरन वसूली का यह अपनी तरह का पहला मामला था, जिसमें तीनों भाई वांछित हैं। खुफिया एजेंसी से लेकर पुलिस भी मानती है कि रंगदारी व नशे के काले कारोबार से होने वाली मोटी कमाई को दाऊद व अनीस इब्राहिम भारत में आतंकी हमलों की साजिश रचने में इस्तेमाल कर रहे हैं। स्पेशल सेल द्वारा पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में पता चला है कि अनीस इब्राहिम ही उन्हें हवाला के जरिये धन मुहैया कराने वाला था। इसके अलावा आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के बाद आतंकियों को अनीस से मोटी रकम मिलने का वादा किया गया था। 


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