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Nizamuddin Markaz: हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा, मौलाना साद को सौंपी जाएगी मरकज की चाबी

Tablighi Jamaat निजामुद्दीन मरकज को पूरी तरह से खोलने की मांग को लेकर दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह मरकज (तब्लीगी जमात का मुख्यालय) की चाबी मौलाना मुहम्मद साद को सौंप देगी।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Mon, 28 Nov 2022 07:14 PM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 07:14 PM (IST)
Nizamuddin Markaz: हाईकोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा, मौलाना साद को सौंपी जाएगी मरकज की चाबी
Tablighi Jamaat: पीठ ने नायर का बयान दर्ज किया कि क्षतिपूर्ति मुचलका भरने के बाद चाभियां सौंप दी जाएंगी।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Tablighi Jamaat: निजामुद्दीन मरकज को पूरी तरह से खोलने की मांग को लेकर (Delhi Waqf Board ) दिल्ली वक्फ बोर्ड की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि वह मरकज (तब्लीगी जमात का मुख्यालय) की चाबी मौलाना मुहम्मद साद को सौंप देगी। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि मौलाना साद दिल्ली पुलिस द्वारा मार्च 2020 में दर्ज प्राथमिकी में मुख्य आरोपितों में से एक है।

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क्षतिपूर्ति मुचलका भरने के बाद सौंपी जाएंगी चाभियां

उनपर आरोप था कि कोरोना जमात के सदस्य कई मानदंडों का उल्लंघन कर वहां रह रहे थे। दिल्ली पुलिस के वकील रजत नायर ने कहा कि साद अभी फरार है, जबकि मरकज की प्रबंध समिति की ओर से पेश वकील ने इसे चुनौती दी।न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने नायर का बयान दर्ज किया कि साद द्वारा क्षतिपूर्ति मुचलका भरने के बाद चाभियां सौंप दी जाएंगी।

मार्च-2020 से बंद मस्जिद को फिर से खोलने की मांग

पीठ ने कहा कि दिल्ली पुलिस के वकील का कहना है कि मौलाना साद द्वारा बिना किसी दस्तावेज के क्षतिपूर्ति बांड भरने पर मरकज की चाभी सौंपने में कोई आपत्ति नहीं होगी।पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता (दिल्ली वक्फ बोर्ड) मामले में आगे सुनवाई नहीं चाहता। ऐसे में याचिका का निस्तारण किया जाता है।दिल्ली वक्फ बोर्ड ने याचिका दायर कर मार्च-2020 से बंद मस्जिद को फिर से खोलने की मांग की थी।

पुलिस का बयान दर्ज करने के बाद याचिका का निपटारा

वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता संजय घोष ने तर्क दिया कि मस्जिद को फिर से खोलने की अनुमति दी गई है, लेकिन मरकज इमारत के कुछ हिस्से अभी भी बंद हैं और चाभी दिल्ली पुलिस के पास है। वहीं, नायर ने तर्क दिया कि इस मामले में वक्फ का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि चाभियां मुतवल्लियों से ली गई थीं और उन्हें सौंप दी जाएंगी।चाभी सौंपने वाले व्यक्ति के बारे में पूछने पर नायर ने कहा कि वह मौलाना साद था।पीठ ने पुलिस का बयान दर्ज करने के बाद याचिका का निपटारा कर दिया।


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