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मौसम विभाग का दावा, जून-सितंबर के बीच जमकर होगी मानसून की बारिश

आइएमडी के ताजा अनुमान के मुताबिक जुलाई में 96 फीसद और अगस्त में 99 फीसद बारिश की संभावना है। मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान दीर्घावधि औसत के मुकाबले 98 फीसद बारिश होने का अनुमान है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 07 Jun 2017 10:06 AM (IST)Updated: Thu, 08 Jun 2017 08:52 AM (IST)
मौसम विभाग का दावा, जून-सितंबर के बीच जमकर होगी मानसून की बारिश
मौसम विभाग का दावा, जून-सितंबर के बीच जमकर होगी मानसून की बारिश

नई दिल्ली [ जेएनएन ] । भीषण गर्मी से बेहाल और मानसून का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जून से सितंबर के बीच इस साल जमकर मानसून की बारिश होगी। दरअसल, मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने मंगलवार शाम दक्षिणी-पश्चिमी मानसून का दूसरा पूर्वानुमान जारी कर दिया। इस साल बेहतर मानसून की बात कही गई है।

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आइएमडी के ताजा अनुमान के मुताबिक जुलाई में 96 फीसद और अगस्त में 99 फीसद बारिश की संभावना है। मानसून सीजन (जून-सितंबर) के दौरान दीर्घावधि औसत के मुकाबले 98 फीसद बारिश होने का अनुमान है।

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वहीं मध्य भारत में मानसून औसत से 100 फीसदी तक रहने का अनुमान व्यक्त किया गया है। आइएमडी द्वारा पहला अनुमान 18 अप्रैल को जारी किया गया था। इसमें दीर्घावधि औसत के मुकाबले 96 फीसद मानसून का अनुमान जताया गया था।

मौसम विभाग के महानिदेशक डा. केजे रमेश के मुताबिक इस साल देश में मानसून सामान्य रहेगा। अभी तक देश के प्रमुख हिस्सों में बारिश हो भी अच्छी रही है। साथ ही मानसून सही रफ्तार के साथ मैदानी इलाकों की ओर बढ़ रहा है।

उन्होंने बताया कि देश के पूर्वी राज्यों पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में 13 से 14 जून तक मानसून प्रभावी हो जाएगा। वहीं दिल्ली सहित मध्य एवं उत्तरी भारत में इस महीने के अंत तक मानसून प्रभावी हो जाएगा।

भारतीय मानसून पर अलनीनो के प्रभाव के संबंध में डा. रमेश ने कहा कि अलनीनो अभी काफी कमजोर है। ऐसे में मानसून के पहले चरण में अलनीनो का खास असर नहीं दिखाई देगा। आखिरी चरण में थोड़ा बहुत असर जरूर दिखाई दे सकता है।

मालूम हो कि 96 से 104 फीसद के बीच वर्षा की स्थिति को सामान्य, 96 फीसद से कम वर्षा की स्थिति को सामान्य से कम जबकि 104 से 110 फीसद तक वर्षा होने पर सामान्य से अधिक की स्थिति कहा जाता है।

गत वर्ष भी मौसम विभाग ने सामान्य से अधिक यानि 106 फीसद वर्षा होने का पूर्वानुमान जारी किया था लेकिन बारिश सामान्य स्तर यानि 96 फीसद ही हुई। तमिलनाडू, कर्नाटक और केरल के कुछ हिस्सों में तो सूखे जैसे हालात बन गए थे।



 


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