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हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा जमात में शामिल होने आए विदेशियों को घर में शरण देने पर क्या लागू था कोई प्रतिबंध?

पिछली सुनवाई पर पर भी पीठ ने पूछा था कि तब्लीगी जमात में शामिल होने आए विदेशियों को अपने घर में रखने पर क्या अपराध किया गया है। पीठ ने टिप्पणी की थी कि जब तालाबंदी लागू हो गई तो उसके बाद कोई कहां जाता है? क्या अपराध किया है?

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 05:23 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 05:23 PM (IST)
हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा जमात में शामिल होने आए विदेशियों को घर में शरण देने पर क्या लागू था कोई प्रतिबंध?
विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस पर उठाए सवाल।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि क्या गत वर्ष तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वैध वीजा पर आए विदेशियों को भारतीय नागरिकों द्वारा अपने घर में शरण देने पर कोई प्रतिबंध लगाया गया था। देशव्यापी लाकडाउन के दौरान जमातियों को अपने घर में पनाह देने वालों के खिलाफ दर्ज एफआइआर रद करने की मांग वाली याचिका पर न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि जब अचानक लाकडाउन लगाया गया तो लोग जहां थे वहीं फंस गए। पीठ ने इसके साथ ही यह भी पूछा कि क्या याचिकाकर्ताओं को क्राइम ब्रांच द्वारा दर्ज किए गए मामले में भी आरोपित बनाया गया है।

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सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुई अधिवक्ता अशिमा मंडला ने पीठ को सूचित किया कि इन विदेशी नागरिकों को क्राइम ब्रांच के अलावा एक और समान मामले में आरोपित बनाया गया है। इस पर पीठ ने पूछा कि दिल्ली पुलिस की दो शाखाएं दो आरोप पत्र दाखिल करेंगे, क्या इसकी अनुमति है। पिछली सुनवाई पर पर भी पीठ ने पूछा था कि तब्लीगी जमात में शामिल होने आए विदेशियों को अपने घर में रखने पर क्या अपराध किया गया है। पीठ ने टिप्पणी की थी कि अचानक जब तालाबंदी लागू हो गई तो उसके बाद कोई कहां जाता है? क्या अपराध किया है?

वहीं, याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि जमात में शामिल होने वाले लोग लाकडाउन लागू होने से पहले परिसर में रह रहे थे और कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं था। ऐसे में उनके मुवक्किलों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। याचिकाकर्ताओं ने प्राथमिकी रद करने की मांग करते हुए कहा है कि लाकडाउन के कारण यात्रा नहीं करने वालों को उन्होंने शरण दी थी। पुलिस ने गलत तरीके से यह मामला दर्ज किया है।


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