Tihar Jail News: जानिये- अचानक फिर क्यों चर्चा में है तिहाड़ जेल का फांसी घर, निर्भया के दोषियों से है कनेक्शन
निर्भया मामले में दोषियों को फांसी देने के बाद तिहाड़ जेल नंबर तीन का फांसी घर चर्चा में है। इस बार विवाद है कि जेल अधीक्षक ने नियम विरुद्ध अपने परिचितों को फांसी घर में घुमाया। इस दौरान उनके परिचितों ने फांसी घर में फोटो भी खिंचवाए।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। 20 मार्च, 2020 को निर्भया मामले में दोषियों को दी गई फांसी के बाद एक बार फिर दिल्ली तिहाड़ जेल का फांसी घर चर्चा में है। इस बार चर्चा की वजह किसी कैदी को फांसी देना नहीं, बल्कि जेल अधीक्षक की ओर से परिचितों को फांसी घर की सैर कराना है। आरोप है कि नियमों को ताख पर रखकर जेल अधीक्षक राजेश चौधरी ने अपने परिचितों को फांसी घर के अंदर की सैर कराई। इस दौरान यहां की तस्वीरें भी ली गईं। एक अधिकारी के अपने पद के दुरुपयोग का मामला सार्वजनिक होने के बाद जेल महानिदेशक संदीप गोयल अपने स्तर से इस मामले की जांच करा रहे हैं। जांच के नतीजों में अब तक किस-किस की लापरवाही सामने आई है, इसका अधिकारी जवाब नहीं दे पा रहे हैं। अब तक किसी भी जेल अधिकारी पर कार्रवाई की बात सामने नहीं आई है।
जेल सूत्रों का कहना है कि जन्माष्टमी के दिन जेल अधीक्षक राजेश चौधरी से मिलने उनके कुछ परिचित आए। वे उन्हें लेकर जेल परिसर के अंदर गए। वहां फांसी घर व इसके आसपास स्थित हाई सिक्योरिटी सेल गए। इस दौरान जमकर तस्वीरें भी ली गईं। एक घंटा यहां बिताने के बाद जेल अधीक्षक कार्यालय गए और फिर वहां से जेल परिसर से बाहर निकले। इस पूरे प्रकरण में जेल की सुरक्षा प्रणाली पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में सच्चाई का पता लगाने के लिए जेल में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाली जा रही है।
कई गंभीर प्रश्न
जेल प्रशासन के अनुसार जो लोग जन्माष्टमी के दिन जेल आए थे, क्या आगंतुक पुस्तिका में उनकी एंट्री दर्ज की गई है? यदि उनकी एंट्री दर्ज है तो उनके पास क्या-क्या सामान थे, इसका विवरण दर्ज किया गया है।
यदि विवरण दर्ज है तो यह भी जांच का विषय है कि जेल परिसर के भीतर कोई कैमरा लेकर कैसे दाखिल हुआ? क्या उसकी तलाशी नहीं ली गई। इससे भी बड़ा सवाल है कि फांसी घर के दरवाजे कैसे खुले। एक ऐसी जगह जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम हों, वहां कोई कैसे पहुंच सकता है।
बता दें कि फांसी घर के दरवाजे की चाभी जेल के उप अधीक्षक के पास होती है। यदि फांसी घर के दरवाजे को खोलना हो तो इसकी जानकारी अधीक्षक को देनी जरूरी है। आमतौर पर इसे तभी खोला जाता है जब फांसी किसी को दी जानी हो या फिर इस जगह की मरम्मत की जानी हो, लेकिन अभी न तो किसी को फांसी दिया जाना है और न ही फांसी घर की मरम्मत की जरूरत है।
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