Move to Jagran APP

LG और CM के बीच फ‍िर तनातनी, अफसर ने योजनाओं से काटी कन्‍नी

बता दें कि उपराज्यपाल निवास और दिल्ली सचिवालय के बीच छत्तीस का आंकड़ा दिल्ली में आप सरकार के आने के समय से है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 06 Oct 2017 12:31 PM (IST)Updated: Fri, 06 Oct 2017 05:42 PM (IST)
LG और CM के बीच फ‍िर तनातनी, अफसर ने योजनाओं से काटी कन्‍नी
LG और CM के बीच फ‍िर तनातनी, अफसर ने योजनाओं से काटी कन्‍नी

नई दिल्ली [ जेएनएन ]। दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच बढ़ रहे टकराव से दिल्ली की जनता को परेशानी होने की संभावना प्रबल हो रही है। इस टकराव के बीच दिल्ली सरकार में काम कर रहे अधिकारी भी विकास की योजनाओं से हाथ पीछे खीच रहे हैं। ऐसे में सीधे तौर पर माना जा रहा है कि दिल्ली में विकास की गति और धीमी होने वाली है।

loksabha election banner

बता दें कि उपराज्यपाल निवास और दिल्ली सचिवालय के बीच छत्तीस का आंकड़ा दिल्ली में आप सरकार के आने के समय से है। मगर जिस तरह इस मसले में मुद्दे जुड़ते जा रहे हैं इससे जाहिर हो रहा है कि हालात सुधरने वाले नहीं हैं।

दिल्ली विधानसभा की बुधवार की कार्यवाही को भी अब इससे जोड़ कर देखा जा रहा है। जिस तरह से पूरी की पूरी सरकार ने उपराज्यपाल अनिल बैजल को गेस्ट शिक्षकों के ऐसे मुद्दे पर घेरने का प्रयास किया, जो उपराज्यपाल के अनुसार दिल्ली सरकार का था ही नहीं।

यहां गौर करने वाली बात यह है कि दिल्ली सरकार उस विधेयक को दिल्ली विधानसभा में ले आई जिसे एक दिन पहले ही उपराज्यपाल ने असंवैधानिक करार दे दिया था। उपराज्यपाल के मना करने के बाद दिल्ली की आप सरकार ने दिल्ली विधानसभा को विशेष सत्र बुलाया और बिल भी सरकार ने पास कर दिया।

इतना ही नहीं, दिल्ली विधानसभा में मंत्रियों से लेकर आप विधायकों के निशाने पर भी उपराज्यपाल अनिल बैजल रहे। विधायकों की बात करें तो विधायक प्रवीण देशमुख ने सीधे तौर पर कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली में आप सरकार को काम नहीं करने दे रहे।

वह हर काम में अड़ंगा लगाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने गेस्ट शिक्षकों को नियमित करने के मामले में भी उपराज्यपाल पर अड़ंगा लगाने की बात कही। अल्का लांबा, महेंद्र गोयल, राजेश गुप्ता, जरनैल सिंह व सोमनाथ भारती आदि ने भी अपनी बात रखते हुए उपराज्यपाल पर ही निशाना साधा।

वहीं श्रम मंत्री गोपाल राय ने भी उपराज्यपाल को लेकर ही बात शुरू की। उन्होंने भी उपराज्यपाल के साथ अपना खराब अनुभव बताया। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीधे तौर पर उपराज्यपाल को चुनौती देने वाले अंदाज में अपनी बात रखी। वहीं, उन्होंने दिल्ली सरकार में कार्यरत नौकरशाहों को भी खरी-खरी सुनाई। इससे साफ है कि दिल्ली में माहौल और खराब होने की पूरी संभावना है।

लोकसभा के पूर्व सचिव एसके शर्मा की मानें तो दिल्ली विधानसभा में दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को केवल इसलिए उछाला और उपराज्यपाल के मना करने पर भी पास किया कि वे लोगों को संदेश दे सकें कि हमने गेस्ट शिक्षकों को नियमित कर दिया और उपराज्यपाल नहीं होने दे रहे, जबकि इस विधेयक से दिल्ली सरकार को कोई लेना-देना नहीं है।

दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्‍ता का कहना है कि मुख्यमंत्री ने दिल्ली विधानसभा में सारी मर्यादा तार-तार की। वह जिस लहजे में बात कर रहे थे, उससे लगा कि वह बुरी तरह डरे हुए हैं। उनके मन में उपराज्यपाल को लेकर कोई सम्मान नहीं दिखा, जबकि स्थिति साफ है कि दिल्ली केंद्रशासित राज्य है। यहां दिल्ली सरकार के पास कुछ भी नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.