Move to Jagran APP

फ‍िर सुर्खियों में शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट, दिल्‍ली सरकार के नौ सलाहकार बर्खास्त, LG पर टिकी नजर

शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी के इन कार्यकर्ताओं को जिन पदों पर नियुक्त किया है, वे पद अस्तित्व में ही नहीं हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 12:04 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 08:25 AM (IST)
फ‍िर सुर्खियों में शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट, दिल्‍ली सरकार के नौ सलाहकार बर्खास्त, LG पर टिकी नजर
फ‍िर सुर्खियों में शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट, दिल्‍ली सरकार के नौ सलाहकार बर्खास्त, LG पर टिकी नजर

नई दिल्ली [ संजीव गुप्ता ] । दिल्ली सरकार में गलत ढंग से रखे गए सभी नौ सलाहकारों की बर्खास्तगी का आधार शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट रही है। इस रिपोर्ट में इन सभी नियुक्तियों पर कड़ी आपत्ति की गई थी। सभी की बर्खास्तगी के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया भी तभी से शुरू हो गई थी। आने वाले दिनों में केजरीवाल सरकार में गलत ढंग से रखे गए कुछ और खास लोगों पर भी ऐसी ही गाज गिर सकती है।

loksabha election banner

जानकारी के मुताबिक शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने आम आदमी पार्टी के इन कार्यकर्ताओं को जिन पदों पर नियुक्त किया है, वे पद अस्तित्व में ही नहीं हैं। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि अधिकारियों को भले ही पसंद के आधार पर कोई मंत्री अपने विभाग में नियुक्त करा सकता है, लेकिन इस तरह से पार्टी कार्यकर्ताओं को नियुक्ति नहीं दी जा सकती। वह भी बिना गृह मंत्रालय की अनुमति के। इन सभी नौ नियुक्तियों को सरकारी धन का अपव्यय भी बताया गया था।

सूत्रों के मुताबिक राजनिवास भी इस समय संविधान में वर्णित उपराज्यपाल की शक्तियों और दिल्ली विधानसभा की नियमावली को ध्यान में रखकर ही तमाम फैसले ले रहा है। यहां तक कि नियम कायदों की बारीक समझ रखने वाले कुछ विशेषज्ञों से भी समय समय पर सलाह मशविरा किया जा रहा है।

सूत्रों की मानें तो टकराव की इस स्थिति में राजनिवास दिल्ली सरकार के तमाम क्रियाकलापों पर निगाह रख रहा है। समय समय पर गृह मंत्रालय को भी रिपोर्ट भेजी जा रही है। बताया जाता है कि आप सरकार द्वारा मेट्रो फेज चार एवं रैपिड रेल कॉरीडोर सहित दिल्ली की प्रमुख विकास योजनाओं में आर्थिक अड़चनें लगाने से भी केंद्र सरकार और राजनिवास चिंतित है।

दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव राकेश मेहता का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधिकार ही नहीं, कुछ कर्तव्य भी होते हैं, लेकिन मौजूदा दिल्ली सरकार हर कदम पर मनमर्जी चला रही है। जो आपत्ति करे, उसी को कठघरे में खड़ा कर देती है। ऐसे में जब नियम विरूद्ध कार्य किए जाएंगे, तो ऐसी ही कार्रवाई सामने आएगी।

दिल्ली सरकार के पूर्व मुख्य सचिव उमेश सहगल का कहना है कि चाहे मामला योजनाओं का हो अथवा नियुक्तियों का, नियम- कायदों का पालन जरूरी है। लेकिन आम आदमी सरकार तो हर कदम पर एक तानाशाह सरकार की तरह चलना चाह रही है। यही वजह है कि अदालतें तक सरकार को बार-बार फटकार लगा रही हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.