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दैनिक जागरण के PDF संस्करण प्रदान कराने वाले चैनलों को 48 घंटे में ब्लाक करे टेलीग्राम- हाई कोर्ट

जागरण प्रकाशन लिमिटेड की याचिका पर कोर्ट ने सख्‍त रुख अपनाया। उसने कॉपीराइट एवं ट्रेडमार्क नियमों का उल्लंघन करने वाले एप टेलीग्राम को अखबार के PDF संस्करण देने वाले चैनलों को ब्लॉक करने को कहा है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Sat, 30 May 2020 06:42 PM (IST)Updated: Sat, 30 May 2020 08:46 PM (IST)
दैनिक जागरण के PDF संस्करण प्रदान कराने वाले चैनलों को 48 घंटे में ब्लाक करे टेलीग्राम- हाई कोर्ट
दैनिक जागरण के PDF संस्करण प्रदान कराने वाले चैनलों को 48 घंटे में ब्लाक करे टेलीग्राम- हाई कोर्ट

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जागरण प्रकाशन लिमिटेड की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कॉपीराइट एवं ट्रेडमार्क नियमों का उल्लंघन करने वाले मोबाइल इंटरनेट एप टेलीग्राम को 48 घंटे में दैनिक जागरण समाचार पत्र के पीडीएफ संस्करण प्रदान करने वाले चैनलों को ब्लॉक करने का आदेश दिया। न्यामयूर्ति मुक्ता गुप्ता की पीठ ने कहा कि प्रथमदृष्टया मामला बनता है और अगर इस पर रोक नहीं लगाई गई तो याचिकाकर्ता को अपूरणीय क्षति होगी।

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चैनल मालिकों के विवरणों का खुलासा करने का निर्देश

पीठ ने साथ ही टेलीग्राम को निर्देश दिया कि वह उल्लंघन करने वाले चैनल मालिकों के विवरणों का खुलासा करे। पीठ ने यह आदेश देते हुए रिकॉर्ड पर लिया कि वर्तमान में टेलीग्राम ऐसे चैनलों के मालिकों व व्यवस्थापकों की जानकारी पाठकों को उपलब्ध नहीं कराता है।

जागरण ने दायर की थी याचिका 

पीठ ने यह आदेश टेलीग्राम मोबाइल ऐप के खिलाफ निषेधाज्ञा की मांग करते हुए जागरण प्रकाशन लिमिटेड की तरफ से दायर याचिका पर दिया। याचिका में आरोप लगाया गया था कि टेलीग्राम इन चैलनोें को दैनिक जागरण (जागरण प्रकाशन लिमिटेड का स्वामित्व) के सभी संस्करणों को डाउनलोड करने की अनुमति देता है।

देशभर में दैनिक जागरण का प्रसार अखबार व डिजिटल मीडिया में व्यापक स्तर पर 

जागरण की तरफ से वकील जीवेश मेहता ने दलील दी कि देशभर में दैनिक जागरण का प्रसार अखबार व डिजिटल मीडिया में व्यापक स्तर पर है। ऐसे में पाठक के पास विकल्प है कि वह अखबार ले सकता है या फिर उनकी वेबसाइट पर लॉग-इन करके खबरें पढ़ सकता है।

जागरण नहीं ले रहा सब्‍सक्रिब्‍शन फी

याचिका के अनुसार जागरण कोरोना महामारी के दौरान भारत में कोई सब्सक्रिब्शन फी नहीं ले रहा है, जबकि विदेशियों के लिए एक डॉलर का सब्सक्रिब्शन फी लिया जा रहा है। टेलीग्राम ई-समाचार पत्रों को पुन: पेश करने, अपनाने, वितरित करने और प्रसारित करने में लिप्त था। इससे जागरण प्रकाशन को न केवल गंभीर वित्तीय नुकसान हुआ, बल्कि वादी के ट्रेडमार्क अधिकारों के साथ-साथ ई-न्यूज पेपर की कॉपीराइट में भी कमी आई। उन्होंने कहा कि इन चैनलों पर वादी के ई-पेपर पीडीएफ प्रारूप में अपलोड किए जा रहे हैं। इस प्रकार इन चैनलों की मदद से टेलीग्राम न केवल ई-पेपर के वर्तमान संस्करणों की उपलब्धता की अनुमति दे रहा है, बल्कि उपयोगकर्ताओं की सदस्यता भी ले रहा है। इसके साथ ही पूर्व मे प्रकाशित सभी ई-पेपर के संस्करण को टेलीग्राम के चैलन डाउनलोड कर सकते हैं, जोकि किसी भी उपयोगकर्ता को तभी उपलब्ध होता है, जब वह ई-पेपर की सदस्यता लेता है।

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