महीने में दो बार जेल जाएंगे आरुषि के माता-पिता, जानें- इसके पीछे का राज
15/16 मई 2008 की रात को 14 साल की आरुषि तलवार और घर में मौजूद नौकर हेमराज की उसके घर में ही हत्या कर दी गई थी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। देश के साथ दुनिया को भी हिला देने वाले आरुषि और हेमराज हत्याकांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा बरी किए गए राजेश और नूपुर तलवार महीने में हर 15 दिनों के अंतराल में गाजियाबाद की डासना जाएंगे।
जेल में तलवार दंपती उन कैदियों की जांच करेंगे, जिनके दांत खराब हैं या फिर अन्य कोई समस्या है। बता दें कि आरुषि के पिता राजेश और मां नूपुर तलवार पेशे से डॉक्टर हैं। सजा पाने के बाद यहां चार साल तक जेल में रहने के दौरान राजेश और नूपुर तलवार ने कारागार अस्पताल में तकरीबन बंद हो चुके दंत चिकित्सा विभाग को फिर से खड़ा करने का काम किया।
गौरतलब है कि नौ साल पहले 15/16 मई 2008 की रात को 14 साल की आरुषि तलवार और घर में मौजूद नौकर हेमराज की उसके घर में ही हत्या कर दी गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस से लेकर सीबीआइ तक ने इस केस की गुत्थी सुलझाने की कोशिश की। हत्यारे की तलाश में सीबीआइ ने जब तथ्य खंगाले, तो शक की सुई घूमकर तलवार दंपती पर ही जा टिकी। जांच रिपोर्ट पेश की गई और सीबीआई कोर्ट ने तलवार दंपति को दोषी ठहराते हुए जेल भेज दिया।
वहीं, पिछले सप्ताह 12 अक्टूबर 2017 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आरुषि-हेमराज मर्डर केस में नूपुर और राजेश तलवार को कर दिया। हाईकोर्ट ने माना कि परिस्थितियां और सबूत उन्हें दोषी सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हालांकि, इस फैसले के बाद यह सवाल एक बार फिर खड़ा हो गया है कि आरुषि-हेमराज का हत्यारा कौन है?
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