Nizamuddin Markaz: कोर्ट से 198 विदेशी नागरिकों को राहत, जुर्माना लगाने के बाद आरोपों से मुक्त
दिल्ली की एक अदालत ने तब्लीगी जमात से जुड़े 198 विदेशी नागरिकों को जुर्माना लगाने के बाद उनको आरोपों से मुक्त कर दिया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली की एक अदालत ने तब्लीगी जमात से जुड़े 198 विदेशी नागरिकों को जुर्माना लगाने के बाद उनको आरोपों से मुक्त कर दिया। ये विदेशी नागरिक इंडोनेशिया के रहने वाले हैं।मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट वसुंधरा आजाद ने 100 इंडोनेशियाई लोगों को 7,000 रुपये के जुर्माने के भुगतान के बाद आरोपों से मुक्त कर दिया। जबकि मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्वाति शर्मा ने 98 इंडोनेशियाई को 5,000 रुपये के जुर्माना के भुगतान पर आरोपों से बरी कर दिया। इन सभी को जुर्माने की राशि पीएम केयर्स फंड में जमा करने का निर्देश दिया है।
इन सभी जमातियों पर वीजा नियमों व महामारी एक्ट के उल्लंघन का आरोप था। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर हिरासत में लिया था।
मरकज मामले में 122 मलेशियाई नागरिकों को मिली जमानत
इससे पहले निजामुद्दीन मरकज में भाग लेने वाले 122 मलेशियाई नागरिकों को वीजा शर्तों व नियमों का उल्लंघन करने के मामले में जमानत मिल ग ई। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरु मोहिना कौर ने 122 मलेशिया की नागरिकों को ₹10000 के निजी मुचलके पर जमानत दे दी, इससे पहले नागरिकों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा कोर्ट में पेशी हुई जिसमें उन्हें मलेशियाई दूतावास के अधिकारियों और जांच अधिकारियों ने पहचाना। इससे पहले मलेशिया की नागरिकों ने मामले में बारगेनिंग अपील की थी। जिसके अनुसार वह अपने अपराध को स्वीकार कर कम से कम सजा की मांग करते हैं।
इसके अलावा साकेत कोर्ट ने निजामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले 75 थाईलैंड और नेपाली नागरिकों को जमानत दी थी। कोर्ट ने सभी आरोपितों को 10 हजार रूपए के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। इससे पहले भी कोर्ट ने अलग-अलग देशों के कई नागरिकों को वीजा शर्तों का उल्लंघन कर कोरोना संकट के बीच जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के मामले में जमानत दी थी। सभी नागरिक कोर्ट की निगरानी में अलग-अलग होटलों में ठहराए गए हैं।