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Tablighi Jamaat case: तब्लीगी जमात से जुड़े 8 देशों के 76 विदेशियों को दिल्ली की कोर्ट से जमानत

Tablighi Jamaat Case आरोपित नागरिक माली नाइजीरिया श्रीलंका केन्या तंजानिया म्यामांर और दक्षिण अफ्रीका के हैं। इन सभी को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 10 Jul 2020 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 09:22 AM (IST)
Tablighi Jamaat case: तब्लीगी जमात से जुड़े 8 देशों के 76 विदेशियों को दिल्ली की कोर्ट से जमानत

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Tablighi Jamaat case: दक्षिण दिल्ली स्थित निजामुद्दीन तब्लीकी मरकज जमात मामले में आरोपित आठ देशों के 76 विदेशी नागरिकों को दस-दस हजार रुपये का निजी मुचलका भरने के बाद जमानत दे दी गई। यह फैसला मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहन कौर की अदालत में बृहस्पतिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के बाद दिया। कोरोना संक्रमण के दौरान मरकज में बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक ठहरे थे। यही नहीं दिल्ली पुलिस ने राजधानी के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी करके भी कई विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था। इन्हीं में 76 विदेशियों की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई। आरोपित नागरिक माली, नाइजीरिया, श्रीलंका, केन्या, तंजानिया, म्यामांर और दक्षिण अफ्रीका के हैं। इन सभी को क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया था। गौरतलब है कि इस मामले मुख्य  आरोपित तब्लीगी मकरज जमात का मुखिया मौलाना साद अब दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की गिरफ्त से बाहर है, जिसकी तलाश पिछले 3 महीने से पुलिस कर रही है। इस बाबत कई बार छापेमारी भी हो चुकी है।

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60 मलेशियाई नागरिकों पर लगाया 7-7 हजार का जुर्माना

मरकज मामले में क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए 60 विदेशी नागरिकों पर साकेत कोर्ट ने सात-सात हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही इन नागरिकों को अपने देश जाने की भी इजाजत मिल गई है। इन नागरिकों पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है। साकेत कोर्ट में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सिद्धार्थ मलिक की अदालत में सुनवाई हुई। इसमें मलेशियाई नागरिकों के वकील ने कहा कि सभी को अपनी गलती का एहसास है और उन्होंने मामूली गलती की है। इसलिए अदालत से उन्हें राहत दी जानी चाहिए। इस पर शिकायतकर्ता लाजपत नगर के एसडीएम और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने कोई विरोध नहीं जताया। इसके बाद कोर्ट ने सभी मलेशियाई नागरिकों पर सात-सात हजार का जुर्माना लगाते हुए उन्हें मुक्त कर दिया।


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