सरल स्वभाव की थीं सुषमा स्वराज, हर साल झुग्गी बस्तियों में मनाती थीं जन्मदिन
सुषमा स्वराज ने आरके पुरम इलाके के पास बनी झुग्गियों को गोद लिया हुआ था। वह हर वर्ष महिलाओं के साथ तीज और करवा चौथ मनाती थीं।
नई दिल्ली (निहाल सिंह)। सुषमा स्वराज हर साल झुग्गी बस्तियों में अपना जन्मदिन मनाती थीं। तीज व करवा चौथ जैसे त्यौहार वह महिलाओं के साथ मिलकर मनाती थीं।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की पूर्व नेता सदन शिखा रॉय ने बताया कि सुषमा स्वराज गरीबों और वंचितों की आवाज बनकर राजनीति में आई थीं। उन्हें गरीबों की समस्याओं और उनके जीवन स्तर को सुधारने में काफी खुशी मिलती थी। दक्षिणी दिल्ली से सांसद रहते हुए वह यहां के लोगों के दिल में बस गई थीं। यही वजह थी कि सांसद नहीं रहने पर भी वह हर साल अपना जन्मदिन झुग्गी बस्ती के लोगों के साथ मनाती थीं।
आरके पुरम स्थित झुग्गी बस्ती को उन्होंने सांसद रहते हुए गोद लिया था। यहां उन्होंने नाली से लेकर सड़क और बिजली की सुविधा उपलब्ध कराई थी। इस साल उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। ऐसे में उनके कहने पर भाजपा के कार्यकर्ता झुग्गी बस्ती में जन्मदिन मनाने गए थे। इस झुग्गी बस्ती के लोग अपनी समस्याओं के निदान के लिए न केवल उन्हें फोन करते थे, बल्कि आसानी से वह उनके लिए उपलब्ध भी थीं।
भारतीय संस्कृति के लिए करती थी काम
शिखा रॉय ने बताया कि सुषमा स्वराज बहुत की धार्मिक प्रवृति की महिला थी। साथ ही अपनी भारतीय संस्कृति की पहचान और परपंरा निभाने के लिए हमेशा आगे रहती थीं। यही कारण था कि हर साल तीज का त्योहार मनाना हो या फिर करवा चौथ, वह इसका आयोजन अपने घर पर ही करती थीं। करवा चौथ की कहानी वह महिलाओं के साथ ही बैठकर सुनती थीं। वहीं महिला दिवस के मौके पर महिलाओं को सशक्त करने के लिए हर वर्ष अपने दफ्तर या घर पर कार्यक्रम का आयोजन करती थीं।
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