Wing Commander Abhinandan को दो दिन में PAK से रिहा कराना भारत की सबसे बड़ी कूटनीतिक जीतः सुषमा
प्रबुद्ध जन सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि सरकार ने उरी और पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की।
नोएडा। जेएनएन। सेक्टर 125 स्थित एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित प्रबुद्ध जन सम्मेलन में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया। प्रधानमंत्री के मजबूत इरादे की वजह से ही यह संभव हो सका।
सुषमा स्वराज ने कहा कि 'राष्ट्रीय सुरक्षा, विकास और जनकल्याण की कसौटियों पर ही सरकार को तौलना चाहिए। पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को एयर स्ट्राइक से जवाब दिया गया। 2008 में मुंबई में 166 लोग आतंकी हमले में मरे थे। फिर भी उस दौर की सरकार ने पूरी दुनिया में पाकिस्तान के खिलाफ आवाज नहीं उठाया। जबकि, उस समय चौदह देश के नागरिक मारे गए थें'।
प्रबुद्ध जन सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने उरी और पुलवामा आतंकी हमले के बाद चुप्पी नहीं साधा। सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। सेना ने पहले सर्जिकल स्ट्राइक की और पुलवामा आतंकी हमले के बाद वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की। जिसमें आतंकियों को काफी नुकसान हुआ। भारतीय सेना को बधाई देते हुए सुषमा ने कहा कि वायुसेना की इस कार्रवाई में पाकिस्तान के एक भी आम नागरिक नहीं मारे गए। सिर्फ आतंकी को निशाना बनाया गया।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई की। हमने उनका एक फाइटर प्लेन मार गिराया। उन्होंने हमारा एक प्लेन गिराया और हमारे पायलट अभिन्नदन को पकड़ लिया। भारत ने दो दिन में पायलट को रिहा करा बड़ी कुटनीतिक जीत दर्ज की।
सुषमा ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद मुझे दुनियाभर के विदेश मंत्रियों का फोन आया। मैंने सभी को कहा कि भारत शांति प्रिय राष्ट्र है। हम अपनी तरफ से कार्रवाई नहीं करेंगे। लेकिन पाकिस्तान ने एक भी गलती कि तो चुप नहीं बैठेंगे।
पीएम मोदी की विदेश नीति की तारीफ करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को मुस्लिम देशों में भी अलग-थलग कर दिया। ओआइसी में भारत को निमंत्रण मिलने पर पाकिस्तान ने विरोध किया था। लेकिन ओआइसी ने कहा, पाकिस्तान बेशक न आए, भारत को जरूर बुलाया जाएगा।
पचास साल पहले जब ओआइसी बना था तब भी भारत को नियंत्रण मिला था। पाकिस्तान ने उस समय भी कहा था कि भारत को बुलाया गया था कि पाकिस्तान हिस्सा नहीं लेगा। फिर भारत को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया था। भारत को अपमानित होकर आना पड़ा। अब जाकर वह पचास साल पुराना बदला लिया गया। इसके पीछे प्रधानमंत्री के विभिन्न देशों के साथ बेहतर संबंध के कारण संभव हुआ।