Delhi Mayor Election: सुप्रीम कोर्ट करेगा AAP की याचिका पर सुनवाई, 3 फरवरी को सूचीबद्ध करने पर बनी सहमति
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के लिए 3 फरवरी को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई जिसमें दिल्ली में मेयर का चुनाव समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
नई दिल्ली। Plea for MCD mayoral election: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) की मेयर पद की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय की याचिका पर सुनवाई के लिए 3 फरवरी को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई, जिसमें दिल्ली में मेयर का चुनाव समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी।
Supreme Court agrees to hear on Feb 3 the plea of Aam Aadmi Party's mayoral candidate Shelly Oberoi moved demanding election for mayor post-election be conducted in a time-bound manner.
— ANI (@ANI) January 27, 2023
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने एमसीडी के लिए महापौर चुनाव जल्द कराने पर वकील की दलीलों पर ध्यान दिया। सीजेआई ने कहा, "इसे 3 फरवरी को सूचीबद्ध किया जाएगा।"
राष्ट्रीय राजधानी में महापौर का चुनाव पिछले मंगलवार को इस महीने दूसरी बार ठप हो गया था क्योंकि उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त पीठासीन अधिकारी ने कुछ पार्षदों के हंगामे के बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) हाउस को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया था।
जमकर हुआ था हंगामा
बैठक में महापौर का निर्वाचन न होने से निगम में संवैधानिक संकट उत्पन्न हो गया था। पहली बार ऐसे हालात बने हैं कि पार्षदों की शपथ तो हो गई, लेकिन महापौर व उपमहापौर का निर्वाचन नहीं हो पाया। निगमों के एकीकरण के बाद से विशेष अधिकारी महापौर और स्थायी समिति के अध्यक्ष की शक्तियों का उपयोग कर रहे थे और उनकी नियुक्ति सदन की पहली बैठक (इससे पहले छह जनवरी को हंगामे के कारण नहीं हो पाई थी बैठक) होने तक के लिए ही थी।
पहले मनोनीत सदस्यों की शपथ पर आपत्ति
एमसीडी मुख्यालय में मंगलवार को सदन की बैठक वहीं से शुरू हुई, जहां 6 जनवरी को हंगामे के कारण रुक गई थी। बैठक शुरू होते ही पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने पहले मनोनीत सदस्यों को शपथ के लिए बुलाया, तो AAP पार्षद दल के नेता मुकेश गोयल ने आपत्ति जताते हुए निगम एजेंडे में तय कार्यसूची के अनुसार निर्वाचित पार्षदों का शपथ ग्रहण पहले कराने की मांग की थी। लेकिन, उनके पीठासीन अधिकारी ने यह कहते हुए उनके विरोध को दरकिनार कर दिया कि यह उनके विवेक पर निर्भर करता है कि पहले किसकी शपथ कराएं।
नारेबाजी के बाद भिड़े थे AAP और BJP पार्षद
निर्वाचित पार्षदों की शपथ के बाद पीठासीन अधिकारी ने महापौर और उपमहापौर के चुनाव की तैयारी कराने के लिए बैठक स्थगित की, तो उसी दौरान भाजपा पार्षदों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान AAP पार्षद शांति से बैठे रहे।
ऐसे में जब सदन की बैठक दुबारा शुरू हुई, तो मुकेश गोयल ने वोटिंग का अधिकार न होने के कारण मनोनीत सदस्यों को सदन से बाहर करने की मांग की। इसके बाद बैठक फिर स्थगित कर दी गई। इस बीच, AAP पार्षद प्रवीण कुमार निगम सचिव के पास कुछ बात करने पहुंचे, जिसका BJP पार्षदों ने विरोध किया।
इस पर भाजपा पार्षद गजेंद्र दराल और AAP पार्षदों में तकरार शुरू हो गई। बैठक पुन: शुरू हुई, लेकिन तत्काल बाद पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी थी।