उपहार कांडः गोपाल अंसल की याचिका पर SC में अगली सुनवाई 8 मार्च को
1997 में उपहार सिनेमा अग्निकांड उस वक्त हुआ जब उपहार सिनेमा में हिन्दी फिल्म ‘बॉर्डर’ चल रही थी। इस अग्निकांड में 59 दर्शकों की मृत्यु हो गई थी।
नई दिल्ली (जेएनएन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उपहार सिनेमा अग्निकांड में दोषी ठहराए गए रियल एस्टेट दिग्गज गोपाल अंसल की उस याचिका की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया, जिसमें उपहार अग्निकांड में जेल की बाकी सजा काटने के लिए उन्हें दिए गए आदेश में सुधार का अनुरोध किया गया है। अब मामले की अगली सुनवाई आठ मार्च को होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में गोपाल अंसल को इस मामले में जेल की बाकी सजा काटने का निर्देश दिया था, जबकि उनके बड़े भाई सुशील अंसल को जेल की सजा से राहत मिल गई थी। कोर्ट ने उनकी उम्र संबंधी दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए कहा था कि उन्होंने पहले ही जेल की सजा काट ली। मामले की सुनवाई कर रही तीन जजों की बेंच ने गोपाल अंसल को चार हफ्तों में सरेंडर करने का निर्देश दिया था। साथ ही अंसल बंधुओं पर लगाये गये 30-30 करोड़ के जुर्माने को कोर्ट की ओर से बरकरार रखा था।
गोपाल अंसल की ओर से भी इसी तरह की राहत का अनुरोध करते हुये दावा किया है कि उसकी आयु 69 वर्ष की है और अगर उसे जेल भेजा गया तो उनके स्वास्थ्य को नुकसान होगा। इससे पहले चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी से कहा था कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका की सुनवाई करने वाली पीठ के पास समय की उपलब्धता के बारे में वह पता लगएंगे और इस मामले को आगे की सुनवाई के लिये सूचीबद्ध किया जाएगा।
दक्षिणी दिल्ली में स्थित उपहार सिनेमा अग्निकांड के पीडित परिवार के एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने याचिका का विरोध करते हुये कहा था कि पुनर्विचार याचिका पर सुनाये गये निर्णय पर पुनर्विचार नहीं हो सकता।
गौरतलब है कि वर्ष 1997 में उपहार सिनेमा अग्निकांड उस वक्त हुआ जब उपहार सिनेमा में हिन्दी फिल्म ‘बॉर्डर’ चल रही थी। इस अग्निकांड में 59 दर्शकों की मृत्यु हो गई थी, जिसमें करीब दो दर्जन बच्चे शामिल थे। मामले में रियल एस्टेट कारोबारी और उपहार सिनेमा के मालिक अंसल बंधुओं को लापरवाही बरतने का दोषी करार दिया गया।