सुप्रीम कोर्ट ने गुरु रविदास मंदिर के लिए स्थाई ढांचा निर्माण की अनुमति दी
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस सूर्यकांत ने 21 अक्टूबर के अपने आदेश में संशोधन किया। उस आदेश में केंद्र की ओर से दिए गए सुझाव के अनुसार लकड़ी के ढांचे का उल्लेख किया गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट ने तुगलकाबाद फॉरेस्ट इलाके में गुरु रविदास मंदिर के लिए स्थाई ढांचा निर्माण की अनुमति दे दी है। शीर्ष कोर्ट ने मंदिर के दायरे में गुरु रविदास तालाब की मांग को लेकर दाखिल याचिका भी मंजूर कर ली। कोर्ट ने यह भी कहा कि गुरु रविदास के श्रद्धालुओं को कोई समस्या पेश नहीं आएगी और एजेंसियां मंदिर निमार्ण में सहयोग करेंगी। शीर्ष कोर्ट ने यह भी साफ किया है कि कोई भी उस क्षेत्र में और मंदिर के लिए तय जमीन पर किसी प्रकार की व्यावसायिक गतिविधि नहीं चलाएगा।
जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस सूर्यकांत ने 21 अक्टूबर के अपने आदेश में संशोधन किया। उस आदेश में केंद्र की ओर से दिए गए सुझाव के अनुसार लकड़ी के ढांचे का उल्लेख किया गया था। कांग्रेस सांसद अशोक तंवर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह और विराग गुप्ता ने पैरवी की।
वकीलों ने कहा कि उन्होंने 21 अक्टूबर को पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को सूचित किया था कि उन्हें केंद्र की पेशकश मंजूर नहीं है। केंद्र ने लकड़ी से बनी पोर्टा केबिन का प्रस्ताव किया था। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने मंदिर के स्थाई ढांचे पर सहमति जताई थी लेकिन 21 अक्टूबर के आदेश में उसकी झलक नहीं थी।
केंद्र की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सिंह और गुप्ता की दलील का विरोध नहीं किया। इसके बाद कोर्ट ने अपने पिछले आदेश में संशोधन का निर्देश दिया। शीर्ष कोर्ट ने 21 अक्टूबर को केंद्र की 400 वर्ग मीटर जमीन आवंटित करने की पेशकश को स्वीकार कर लिया था। डीडीए ने अगस्त में शीर्ष कोर्ट के आदेश पर मंदिर को हटा दिया था। डीडीए के इस कदम का राष्ट्रीय राजधानी एवं देश के अन्य हिस्सों में तीव्र विरोध हुआ था।