सुनंदा पुष्कर मौत मामला: शशि थरूर को आरोपी माना जाए या नहीं, 5 जून को आएगा फैसला
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में भी थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। सुनंदा पुष्कर मौत मामले में उनके पति शशि थरूर को आरोपी माना जाए या नहीं, इस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुनंदा के वकील ने कहा कि यह आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला है। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा कि शशि थरूर को तलब करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में भी थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। सुनंदा पुष्कर मौत मामले में उनके पति शशि थरूर को आरोपी माना जाए या नहीं, इस पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट 5 जून को इस संबंध में फैसला सुनाएगा।
आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
दिल्ली पुलिस ने 14 मई को शशि थरूर पर सुनंदा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। दिल्ली पुलिस ने अदालत से कहा कि थरूर को साढ़े 4 साल पुराने मामले में आरोपी के तौर पर तलब किया जाना चाहिए। पुलिस ने दावा किया कि उसके पास पर्याप्त सबूत हैं। दिल्ली पुलिस ने तकरीबन 3,000 पन्नों के आरोप पत्र में थरूर को एकमात्र आरोपी के तौर पर नामजद किया है।
घरेलू सहायक नारायण सिंह को बनाया गया अहम गवाह
पुलिस ने आरोप लगाया था कि थरूर ने अपनी पत्नी के साथ क्रूरता की। थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह को मामले में अहम गवाह बनाया गया है। सुनंदा 17 जनवरी, 2014 को राष्ट्रीय राजधानी के एक होटल में मृत पाई गई थीं। कांग्रेस नेता पर आईपीसी की धारा 498 ए (क्रूरता) और 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने) के आरोप लगाए गए हैं।
नहीं हुई है थरूर की गिरफ्तारी
धारा 498 ए के तहत अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है जबकि धारा 306 के तहत अधिकतम 10 साल की जेल हो सकती है। दिल्ली पुलिस ने एक जनवरी 2015 को आईपीसी की धारा 302 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। थरूर को इस मामले में अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है।
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