सुनंदा पुष्कर केस: एक सितंबर को होटल के कमरे से सबूत जुटाएगी CFSL टीम
पुलिस द्वारा कोर्ट में बताया गया कि सीएफएसएल एक्सपर्ट्स की टीम पुष्कर की मौत से जुड़े सबूतों को इकट्ठा करने के लिए होटल जाएगी।
नई दिल्ली [जेएनएन]। सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में सीएफएसएल (सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी) एक्सपर्ट्स की टीम 1 सिंतबर को होटल का दौरा करेगी। यह जानकारी पुलिस ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में दी।
पुलिस द्वारा कोर्ट में दिए गए नोटिस में बताया गया कि सीएफएसएल एक्सपर्ट्स की टीम पुष्कर की मौत से जुड़े सबूतों को इकट्ठा करने के लिए होटल जाएगी। इस दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले की जांच में हो रही देरी को लेकर पुलिस की खिंचाई भी की।
Hotel tells court: Police sent a letter yday saying CFSL will visit again on Sept 1 to collect further evidence,room can't be de-sealed yet— ANI (@ANI) August 19, 2017
बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की होटल के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। इस मामले में होटल के वकील ने बताया कि होटेल का वह कमरा 2015 से सील है। पुलिस ने अब तक इस मामले में सबूत इकट्ठे नहीं किए हैं। कोर्ट ने 4 सिंतबर तक मामले की और जानकारी मांगी है।
Lawyer for hotel tells Delhi court: Room has been sealed since 2015, no evidence collected so far. Court asks for further report on Sep 4.— ANI (@ANI) August 19, 2017
बता दें कि सुनंदा पुष्कर की मौत के केस की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के हाथ आज भी खाली हैं। 24 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट में दी गई स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने स्वीकार किया है कि जांच के दौरान जब्त किए मोबाइल फोन्स से डिलीट हुए डेटा को रिकवर कर पाने में वह नाकाम रही है। साथ ही सुनंदा की मौत की वजह को लेकर विभिन्न मेडिकल बोर्डस की अलग-अलग राय के चलते भी उसे इस केस को सुलझाने में परेशानी हो रही है।
24 जुलाई को पहली बार दिल्ली पुलिस ने इस केस से संबंधित इन पहलुओं से कोर्ट को वाकिफ कराया था। अदालत में दी गई रिपोर्ट से यह साफ हो गया है कि अभी तक दिल्ली पुलिस सिर्फ अंधेरे में तीर चला रही थी।
रिपोर्ट में कहा गया, 'चूंकि जब्त किए गए मोबाइल फोन्स का डेटा डिलीट हुआ पाया गया और फरेंसिक लैब्स ने इस डेटा को रिकवर करने में असमर्थता जाहिर की है, इसलिए इन मोबाइल फोन्स को उनकी निर्माता कंपनियों के पास विदेश भेजने की इजाजत भारत सरकार से मांगी गई है ताकि चिप के जरिए डेटा को रिकवर किया जा सके।'
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