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PM के सपने को साकार कर रहे बच्‍चे, मिलकर बना दिया दुनिया का सबसे बड़ा बैग; जानें खास‍ियत

World Biggest Bag गाज‍ियाबाद के स्‍कूली बच्‍चों ने म‍िलकर पीएम के स्‍वच्‍छ भारत अभ‍ियान को आगे बढ़ाने में लगे हैं। बच्‍चों ने दुन‍िया का सबसे बड़ा ईको फ्रेंडली बैग बनाया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 17 Jul 2019 05:01 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jul 2019 09:59 PM (IST)
PM के सपने को साकार कर रहे बच्‍चे, मिलकर बना दिया दुनिया का सबसे बड़ा बैग; जानें खास‍ियत

गाजि‍याबाद (गौरव शशि नारायण)। गाजियाबाद के वैशाली सेक्टर एक स्थित सनवैली इंटरनेशनल स्कूल में बुधवार को छात्र छात्राओं का तैयार किया थैला विश्व के सबसे लंबा शॉपिंग बैग बन गया। इस बैग को गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। लोगों को पॉलीथिन उपयोग न करने के लिए प्रेरित करने के लिए इसे तैयार किया गया है। बैग बनाने की पहल करने वाले तीनों छात्र वैष्णवी, राधे और खुशी बेहद उत्साहित हैं।

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पीएम मोदी के सामने करेंगे प्रदर्शित

तीनों भाई-बहन हैं। वे जल्द ही इस बैग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने प्रदर्शित करेंगे। यह बैग स्वच्छ भारत अभियान और  'से नो टू पॉलीथिन' के तहत बनाया गया। विशालकाय ईको फ्रेंडली बैग सभी के आकर्षण का केंद्र बन गया है।

310 फीट लंबा और 131 फीट चौड़ा है बैग

इसको बनाने का ख्याल मन में लाने वालीं वैष्णवी वर्मा सनवैली स्कूल वैशाली की पूर्व छात्रा हैं, वह वर्तमान में मिरांडा हाउस कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा हैं। जबकि राधे व खुशी सनवैली स्कूल के विद्यार्थी हैं। राधे कक्षा नौ में पढ़ते हैं जबकि खुशी कक्षा आठ की विद्यार्थी हैं। छात्रों ने बताया कि बढ़ते प्रदूषण और पॉलीथिन का लोग इस्तेमाल ना करें। इस संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए यह विशालकाय बैग बनाया गया। इसको बनाने में लगभग छह हजार मीटर कपड़ा इस्तेमाल हुआ। बैग की लंबाई 310 फीट और चौड़ाई 131 फीट है।

तीस दिन में बना बैग
इसके निर्माण में 30 दर्जियों ने 30 दिन तक पूरी मेहनत की। बच्चों के  पिता राज बहादुर ने बताया है कि इसे बनाने में लगभग सात लाख रुपये से अधिक का खर्चा आया है। तीनों बच्चों ने इसका डिजाइन तैयार किया।गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकार्ड में शामिल छात्रों के इस बैग को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने पर स्कूल की प्रधानाचार्य प्रीति गोयल ने मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि यह एक सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने बताया है कि बैग बनाने का मकसद पर्यावरण संरक्षण और पॉलिथीन से दूरी बनाना है। साथ ही पूरे विश्व को ऐसे प्रयास करने के लिए प्रेरित करना भी रहा।

प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैं छात्र 
विश्व का सबसे बड़ा शॉपिंग बैग बनाने वाले छात्रों का सपना है कि वह जल्द -से-जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलें और उन्हें इस बैग के बारे में पूरी जानकारी दें। विद्यालय प्रबंधन को उम्मीद है कि जल्द ही प्रधानमंत्री कार्यालय से संपर्क कर मुलाकात का वक्त ले लिया जाएगा। सभी इस उपलब्धि से उत्साहित हैं।

इस बैग से बनेंगे हजारों बैग
इस बैग को बनने में काफी सारे कपड़े का इस्तेमाल हुए। इसको बनाने वाले छात्रों ने बताया है कि अब इस बैग का नाम दर्ज हो गया है। कुछ समय बाद इस बैग के इस्तेमाल कपड़े से छोटे-छोटे बैग बनाकर स्कूल के तीन हजार छात्रों को दिया जाएगा। वैष्णवी ने बताया है कि इससे कुछ 8000 बैग बन सकते हैं। इन बैग पर विश्व रिकॉर्ड का जिक्र भी रहेगा। इससे पहले जो सबसे बड़ा बैग  था वह 275 फीट का रहा है।


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