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    Dog Attack: दिल्ली में आवारा कुत्तों का आतंक! हर रोज 2 हजार लोगों को बना रहे शिकार; JNU में भी छात्रों में डर का माहौल

    Updated: Mon, 19 May 2025 08:52 AM (IST)

    Delhi Dog Attack Cases दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या गंभीर होती जा रही है जहां प्रतिदिन लगभग दो हजार लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। नगर निगम द्वारा इस समस्या पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसका प्रमाण 2016 के बाद कोई नया सर्वे न होना है। राजधानी में केवल 20 एनिमल बर्थ कंट्रोल केंद्र हैं जो कुत्तों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने में नाकाफी हैं।

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    राजधानी में बढ़ रहे आवारा कुत्तों के काटने के मामले। प्रतीकात्मक तस्वीर- जागरण ग्राफिक्स

    जागरण संवददाता, नई दिल्ली। देश की राजधानी में आवारा कुत्तों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। हर रोज दो हजार लोगों को आवारा कुत्ते काट रहे हैं। नगर निगम की ओर से समस्या को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

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    इसका प्रमाण है कि कुत्तों पर आखिरी सर्वे 2016 में हुआ था। पूरी राजधानी में 20 ही एनिमल बर्थ कंट्रोल केंद्र हैं। लगातार कुत्तों की संख्या बढ़ रही है। उनको नियंत्रित करने के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं।

    कुत्ते सिर्फ सड़कों पर ही नहीं शैक्षणिक परिसरों में छात्रों को भी निशाना बना रहे हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल में दृष्टिबाधित छात्रों को उन्होंने शिकार बनाया है। उदय जगताप की रिपोर्ट:

    दिल्ली में आवारा कुत्तों का खतरा

    • 2000-रोजाना मामले दिल्ली में सामने आते हैं कुत्तों के काटने के
    • 20,000- कुत्तों के काटने के केस होते हैं देशभर में
    • 10-प्रतिशत मामले यानी दो हजार केस दिल्ली में होते हैं

    वर्षवार आंकड़े:

    • 2023 में कुत्तों के काटने के केस: 57,173
    • 2024 (अगस्त तक): 44,995

    आखिरी सर्वे कब हुआ?

    • 2016 में हुआ था कुत्तों की जनगणना के लिए अंतिम सर्वे
    • कुल आवारा कुत्ते (दक्षिण निगम के चार जोन में): 1,89,285
    • मेल डॉग: 1,14,587
    • फीमेल डॉग: 74,698

    ये भी पढ़ें-

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    नसबंदी के प्रयास और आंकड़े

    • एमसीडी के पास कुल 20 एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) केंद्र
    • संचालक: 11 एनजीओ और चार पशु चिकित्सक
    • - इन केंद्रों में 250 वार्ड से कुत्ते लाए जाते हैं

    नसबंदी के आंकड़े

    वर्ष नसबंदी संख्या
    2020-21 51,990
    2020-21 51,990
    2021-22 91,326
    2022-23 59,076
    2023-24  79,959
    अप्रैल 2024 - फरवरी 2025 1,20,264

    बढ़ती जरूरत और योजनाएं

    • चार केंद्रों पर नया केनल (कुत्ता शरणालय) बनाया जा रहा है
    • शाहदरा में दो नए एबीसी केंद्र बनाने की योजना (भूमि मिलने पर)
    • नसबंदी प्रक्रिया तेज करने के लिए 12 जोनल वैन एनजीओ को एक-एक वैन उपलब्ध

    जनता की परेशानी

    • बच्चे बाहर खेलने में डरते हैं।
    • महिलाएं, बुजुर्ग, घरेलू कामगार डर के साये में जी रहे हैं।
    • आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है, बावजूद नसबंदी अभियानों के।

    प्रमुख समस्याएं:

    • कोई नियमित डॉग जनगणना नहीं – आखिरी सर्वे 2016 में हुआ।
    • एमसीडी व एनजीओ के संसाधन सीमित, कई कर्मियों को सालों से वेतन नहीं।
    • एबीसी नियम स्पष्ट नहीं: हिंसक कुत्तों को हटाना कानूनी रूप से मुश्किल।

    प्रशासनिक प्रतिक्रिया:

    • एमसीडी का लक्ष्य 1.1 लाख नसबंदी इस साल।
    • नए एबीसी केंद्र शाहदरा क्षेत्र में प्रस्तावित।
    • सीएम का निर्देश – “व्यवस्थित पुनर्वास और कार्य योजना बनाएं।”

    जनता की मांग

    • सुरक्षित सार्वजनिक स्थान
    • वार्डवार लक्षित नसबंदी अभियान
    • हिंसक कुत्तों की पहचान और प्रबंधन के लिए स्पष्ट नीति