Move to Jagran APP

हिंसा मामले में SIT की छापेमारी से हड़कंप, 1000 CCTV फुटेज से हो रही हर गली में हिंसा की जांच

दिल्‍ली के दंगे को लेकर सरकार ने बड़ा एक्‍शन लिया है। दंगे के जांच के लिए एसआइटी (SIT) गठित कर दी गई है।एसआइटी कई लोकेशन पर छापेमारी कर रही है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 06:34 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 10:14 PM (IST)
हिंसा मामले में SIT की छापेमारी से हड़कंप, 1000 CCTV फुटेज से हो रही हर गली में हिंसा की जांच
हिंसा मामले में SIT की छापेमारी से हड़कंप, 1000 CCTV फुटेज से हो रही हर गली में हिंसा की जांच

नई दिल्‍ली, एएनआइ। दिल्‍ली के दंगे को लेकर सरकार ने बड़ा एक्‍शन लिया है। दंगे के जांच के लिए एसआइटी (SIT) गठित कर दी गई है। क्राइम ब्रांच के सारे मामले को एसआइटी के पास ट्रांसफर कर दिया गया है। क्राइम बांच के अदंर एसआइटी का गठन डीसीपी जाय तिक्री और डीसीपी राजेश देव के अंदर जांच शुरू करेगी। जिस टीम का गठन किया गया है उसने तुरंत नॉर्थ ईस्ट दिल्ली हिंसा से जुड़े मामलों की जांच का जिम्मा संभाल लिया है। यह दोनों टीम एडिशनल एसपी बीके सिंह के नेतृत्‍व में जांच करेगी। एसआइटी गठित होने बाद कई लोकेशन पर छापेमारी शुरू हो गई है।

loksabha election banner

1000 सीसीटीवी फुटेज से हो रही

एसआइटी कई लोकेशन पर कर रही छापेमारी एसआइटी कई लोकेशन पर छापेमारी कर रही है। इससे दंगे भड़काने वाले आरोपितों में खौफ है। एक हजार से ज्‍यादा सीसीटीवी फुटेज को जमा कर जांच की जा रही है। हालांकि पुलिस के अलावा एसआइटी भी विस्‍तार से इन सीसीटीवी की फुटेज की जांच करेगी। दिल्‍ली पुलिस के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अभी और 30 एफआइआर और दर्ज किए जाएंगे। उत्तरी पूर्वी जिले में हिंसा मामले में दिल्ली पुलिस ने क्राइम ब्रांच की दो अलग-अलग टीम बनाई। क्राइम ब्रांच के दो डीसीपी टीम का नेतृत्व करेंगे। वहीं, दोनों में चार एसीपी के अलावा इंस्‍पेक्‍टर सहित 15 पुलिसकर्मी शामिल होंगे।

यह है ताजा अपडेट

उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक कुल 48 एफआइआर दर्ज कर 106 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं पुलिस सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन के फुटेज के आधार पर अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी की कोशिश लगातार कर रही है। अब एसआइटी गठित होने से मामले में तेजी से जांच की उम्‍मीद बंध गई है। इस दंगे में कई लोगों के घर तबाह हुए तो कई लोगों की दुकानें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इस हिंसा में अब तक 34 लोग मारे जा चुके हैं। 

क्‍यों जरूरी पड़ी एसआइटी के गठन की

दिल्‍ली में सीएए नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुरू हुआ प्रदर्शन 24 फरवरी, 2020 से शुरू हुआ था। इसके बाद यह लगातार बढ़ता ही गया। इस हिंसा में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है। चार दिनों तक दिल्‍ली दंगाइयों के कब्‍जे में रही। इस दौरान जमकर उत्‍पात मचाया गया। बता दें कि बुधवार देर रात भी ब्रह्मपुरी, नूर-ए-इलाही, उस्मानपुर में घरों-दुकानों को निशाना बनाया गया। गोकलपुरी-मौजपुर में फायरिंग हुई। इधर प्रशासन सुरक्षा के लिए उत्तरी-पूर्वी जिले में अर्धसैनिक बलों की कुल 107 कंपनियां तैनात कर चुकी है। पीएम मोदी को लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। गृहमंत्री अमित शाह ने इसको लेकर कई बैठकें की। दिल्‍ली के सीएम राजघाट पर जाकर शांति की अपील की। इस दौरान हर गली में हिंसक भीड़ के द्वारा जमकर लूटपाट और आगजनी की घटनाएं हुईं।

आइबी में कार्यरत अंकित शर्मा की हत्या के बाद हिंसा पर राजनीति हो रही है। भाजपा जहां आम आदमी पार्टी पर इस हिंसा का आरोप लगा रही है वहीं अंकित शर्मा के पिता ने आप पार्षद ताहिर हुसैन पर हत्‍या का सनसनीखेज आरोप लगाया है हालांकि आप पार्षद ने इससे इन्कार किया है। बच्‍चों की सुरक्षा को लेकर सीबीएसई लगातार बोर्ड परीक्षा स्‍थगित कर रहा है। बीते चार दिनों में 800 से अधिक दुकानों-मकानों में आगजनी व लूटपाट सहित 2000 से अधिक वाहनों को जलाने का अनुमान लगाया गया है। ऐसी गंभीर स्‍िथति को देखते हुए एसआइटी गठित की गई हो जो दंगे की हर पहलू से जांच कर सच सामने लाएगी।

न्‍यायिक जांच की मांग

इधर, दिल्‍ली का काफी लंबे समय तक प्रतिनिधित्‍व करने वाले वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति स्थापित होने के प्रयास होने चाहिए। इसके लिए न्यायिक जांच की मांग की थी। कहा था कि अगर जरूरी हो तो सेना बुलानी चाहिए। दिल्ली से राज्यसभा सदस्य रहे कर्ण सिंह ने कहा, ‘दिल्ली में आधी सदी से ज्यादा समय तक रहने और संसद में उसका प्रतिनिधित्व करने के बाद में मुझे राजधानी में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा से अविश्वसनीय रूप से हैरानी हुई है।’ 88 वर्षीय कांग्रेस नेता ने सभी समुदायों से अपील की कि वे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और हिंसा के शिकंजे में न फंसे जिससे और ज्यादा जनहानि व नुकसान होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.