Move to Jagran APP

निठारी कांड में बड़ा फैसलाः 9वें मामले में भी मनिंदर सिंह पंधेर-सुरेंद्र कोली दोषी करार

सीबीआइ ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज नौवां मामला है।

By JP YadavEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 12:58 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 06:20 PM (IST)
निठारी कांड में बड़ा फैसलाः 9वें मामले में भी मनिंदर सिंह पंधेर-सुरेंद्र कोली दोषी करार
निठारी कांड में बड़ा फैसलाः 9वें मामले में भी मनिंदर सिंह पंधेर-सुरेंद्र कोली दोषी करार

गाजियाबाद (जेएनएन)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा के निठारी गांव में दुष्कर्म और हत्या के कई मामलों में से एक में बृहस्पतिवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) की विशेष अदालत ने व्यवसायी मनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को एक युवती के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म तथा आपराधिक साजिश रचने का दोषी करार दिया। दोषियों की सजा का एलान शुक्रवार को होगा। 

loksabha election banner

यहां पर बता दें कि सीबीआइ ने 29 दिसंबर, 2006 को यह मामला दर्ज किया था और यह निठारी कांड में दर्ज नौवां मामला है। बहुचर्चित निठारी कांड से जुड़े अपहरण, रेप और मर्डर इस नौवें मामले में गाजियाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने यह बड़ा फैसला सुनाया है। 

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सुरेंद्र कोली और मनिंदर सिंह पंधेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को आइपीसी की धारा 364 (हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण), 302 यानी हत्या और सेक्शन 376 (दुष्कर्म) के तहत दोषी माना है। 

इससे पहले बुधवार को सीबाआइ के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार तिवारी की अदालत में डासना जेल में सजा काट रहा कैदी सुरेंद्र कोली पेश हुआ। उसने अंतिम बहस में पांच मिनट तक सीबीआइ जांच पर अंगुली उठाई। इसके साथ ही अदालत में कोली की बहस पूरी हो गई। सीबीआइ के विशेष लोक अभियोजक जेपी शर्मा ने कोली के पक्ष का विरोध किया। जेपी शर्मा ने बताया कि बुधवार को अंतिम बहस करने का समय पूर्ण हो गया। 

बता दें कि अब तक आठ मामलों में फांसी की सजा का एलान हो चुका है। सभी मामले सुप्रीम कोर्ट में सजा पर मुहर लगने के लिए पेंडिंग हैं।

1- 13 फरवरी- 2009 - मृत्युदंड,
2 - 28 अक्टूबर-2010 - मृत्युदंड
3 - 12 मई -2010 -    मृत्युदंड
4 - 22 दिसंबर 2010 - मृत्युदंड
5 - 24 दिसंबर 2012 -मृत्युदंड
6 - 08 अक्टूबर 2016- मृत्युदंड
7 - 16 दिसंबर 2016 -मृत्युदंड 
8 - 24 जुलाई 2017 - मृत्युदण्ड

जानें यह अहम जानकारी

-19 मामलों में 16 में चला मुकदमा, आठ में फांसी।

-सीबीआइ ने कुल 19 मामले दर्ज कराए, 16 मामलों में चार्जशीट दी थी और तीन मामलों में सबूत नहीं मिलने से क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।

-इन 16 मामलों में कुल आठ मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है।

- एक मामले में राष्ट्रपति दया याचिका खारिज कर चुके हैं। उस मामले में इलाहाबाद हाइकोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा फांसी में देरी करने पर मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया था, जिसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में है। इसके अलावा कुल सात मामलों में फांसी की सजा हो चुकी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.