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दिल्ली विधानसभा में स्पीकर राम निवास गोयल भाजपा विधायकों से बोले- 'कल सत्ता बदली तो आप कहां जाओगे'

Delhi vidhan sabha monsoon session 2021 दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत गुरुवार को हंगामेदार हुई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन अधिनियम 2021 लागू होने और दिल्ली सरकार की शक्तियां कम होने पर विधानसभा अध्यक्ष का दर्द छलक पड़ा।

By Mangal YadavEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 01:49 PM (IST)
दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान छलका स्पीकर राम निवास गोयल का दर्द

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली विधानसभा के मानसून सत्र की शुरुआत गुरुवार को हंगामेदार हुई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन अधिनियम 2021 लागू होने और दिल्ली सरकार की शक्तियां कम होने पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल का दर्द छलक पड़ा। विपक्ष के हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने खड़े होकर विधानसभा की समितियो के अधिकार छिनने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हमारे साथ बहुत बुरा कर रही। स्पीकर ने अध्यक्ष ने कहा, केंद्र सरकार हमारे साथ इतना कुछ कर रही है, हम चुप कैसे रहें। उन्होंने कहा कि मैं बहुत ज्यादा प्रताड़ित हूं, मेरे अध्यक्ष रहते हुए दिल्ली विधानसभा के अधिकार छीन लिए गए। केंद्र सरकार बहुत गलत कर रही है।

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सत्र के दौरान स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि अब से विधानसभा के सत्र में विपक्ष को 20 मिनट से ज्यादा का समय कभी नहीं दूंगा।

स्पीकर ने दी भाजपा विधायक को नसीहत

विपक्षी भाजपा के विधायकों की देखते हुए स्पीकर राम निवास गोयल ने कहा कि सत्ता आनी जानी है, कल आप भी सत्ता में आ सकते हैं, तब कहां जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के सदस्यों से कहा कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री के पास जाकर इस मसले पर विरोध जताना चाहिए।

विधानसभा अध्यक्ष ने सत्र का समय तय करते हुए कहा कि सुबह 11 से शाम 5 बजे तक सत्र चलेगा। पहले 2 घंटे का समय प्रश्नकाल और विशेष उल्लेख (280) के लिए रहेगा। लंच के बाद तीन घंटे के दौरान 20 मिनट विपक्ष और 160 मिनट सदन की कार्यवाही के लिए रहेंगे।

बता दें कि भाजपा के नेतृत्व में बजट सत्र के दौरान केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन अधिनियम 2021 बिल संसद से पारित कराया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन अधिनियम 2021 के अनुसार, जनता द्वारा चुनी हुई केजरीवाल सरकार को अब सभी कार्यों के लिए उप राज्यपाल की सहमति लेनी जरुरी होगी। यानी अब दिल्ली में एलजी ही सरकार है। ऐसा आम आदमी पार्टी का आरोप है। 


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