दक्षिणी दिल्ली को मिलेगी 9 मंजिला ऊंची रोबो-शटल तकनीक से लैस पार्किंग, ये है इसकी विशेषताएं
स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोट ने बताया भले ही निगम के पास फंड की कमी है लेकिन बावजूद इसके जो कार्य नागरिकों की सुविधा से जुड़े हैं उनको पूरा किया जा रहा है। इसके तहत निगम ने दो नई पार्किंग को बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
नई दिल्ली [निहाल सिंह]। दक्षिणी दिल्ली नगर निगम को एक साल के भीतर दो और नई पार्किंग की सौगात मिलेगी। निगम ने ग्रेटर कैलाश-1 एम ब्लॉक और निजामुद्दीन बस्ती में दो नई बहुमंजिला पार्किंग बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इससे लोगों को पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी। इन दो पार्किंग को बनाने में 74 करोड़ रुपये का खर्चा आने का अनुमान है। जिसमें 485 वाहनों को पार्किंग में खड़ा किया जा सकेगा। इसके साथ ही दिल्ली परिवहन निगम की बसों को खड़ा करने के लिए कुशक नाले पर अपनी जगह उपलब्ध कराएगा। इससे निगम को प्रत्येक वर्ष 17 करोड़ रुपये की आमदनी होगी।
स्थायी समिति के अध्यक्ष राजदत्त गहलोट ने बताया भले ही निगम के पास फंड की कमी है लेकिन बावजूद इसके जो कार्य नागरिकों की सुविधा से जुड़े हैं उनको पूरा किया जा रहा है। इसके तहत निगम ने दो नई पार्किंग को बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे नागरिकों को पार्किंग की समस्या से निजात मिलेगी।
उन्होंने बताया कि लोधी रोड फ्लाईओवर निजामुद्दीन बस्ती के पास 86 वाहनों के लिए पजल तकनीक की पार्किंग बनाई जाएगी तो वहीं ग्रेटर कैलाश एम ब्लॉक में रोबो शटल तकनीक से 399 वाहनों के लिए पार्किंग बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष मार्च तक यह पार्किंग जनता को मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि लाजपत नगर में मार्केट एसोसिएशन को फिर से पार्किंग के संचालन का कार्य सौंप दिया है।
पार्किंग की विशेषताएं
- ग्रेटर कैलाश-1 एम ब्लॉक मार्केट
- 399 चार पहिया वाहनों के लिए होगी पार्किंग
- रोबो-शटल तकनीक से चलेगी पार्किंग
- 54 करोड़ रुपये आएगी लागत
- 9 मंजिला ऊंची होगी पार्किंग (बेसमेंट और ग्राउंड फ्लोर समेत)
- ग्राउंड फ्लोर पर ई-वाहनों के लिए चार्जिंग के लिए होगा स्थान
- एक साल में तैयार हो जाएगी पार्किंग
- बेसमेंट में वाहन खड़ा करने पर लिफ्ट की मिलेगी सुविधा
- पार्किंग बनाने वाली कंपनी दस साल तक पार्किंग की करेगी देखभाल और संचालन
निजामुद्दीन बस्ती
- 86 चार पहिया वाहनों के लिए होगी पार्किंग
- पजल तकनीक से पार्किंग होगी संचालित
- 43 वाहनों के लिए एक टावर में होगा इंतजाम
- दो टावर बनाए जाएंगे
- छह मंजिला होगी पार्किंग (ग्राउंड फ्लोर समेत)
- छह माह में कार्य हो जाएगा पूरा
- पार्किंग बनाने वाली कंपनी दस साल तक पार्किंग की करेगी देखभाल और संचालन
- 15 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा।