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बुराड़ी फांसीकांडः जबरन बांधे गए थे हाथ, क्या फंदा कसते ही ध्रुव व शिवम छटपटाए थे?

बुराड़ी इलाके में परिवार के 11 सदस्यों की मौत की गुत्थी तकरीबन सुलझ चुकी है, लेकिन परिवार के सदस्यों की मनोस्थिति को लेकर अब भी नए-नए खुलासे हो रहे हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 12:41 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 05:44 PM (IST)
बुराड़ी फांसीकांडः जबरन बांधे गए थे हाथ, क्या फंदा कसते ही ध्रुव व शिवम छटपटाए थे?
बुराड़ी फांसीकांडः जबरन बांधे गए थे हाथ, क्या फंदा कसते ही ध्रुव व शिवम छटपटाए थे?

नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत की गुत्थी तकरीबन सुलझ चुकी है, लेकिन परिवार के सदस्यों की मनोस्थिति को लेकर अब भी नए-नए खुलासे हो रहे हैं। हालांकि, पोस्टमार्टम में सभी लोगों की मौत फांसी लगने से बताया गया है, लेकिन यह भी सामने आया है कि इस तथाकथित मोक्ष अनुष्ठान के दौरान सब अलग-अलग सोच और मनोस्थिति में थे। अब घर के दो बच्चों के बारे में यह जानकारी सामने आई है कि फांसी लगाने के दौरान घर के बच्चे ध्रुव और शिवम छटपटाए होंगे। यही वजह है कि जबरन उनके हाथ बांधे गए। उन्होंने आत्महत्या का विरोध किया था, यह इससे जाहिर होता है उनके हाथ ज्यादा ठोस तरीके से बांधे गए थे।

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इससे पहले 11 लोगों के सामूहिक फांसीकांड में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ था। इसमें बताया गया था कि ललित से बड़े भाई भुवनेश ने हादसे के दौरान फंदा छुड़ाने की भरपूर कोशिश की थी। मौके पर भुवनेश का शव जिस तरह से फंदे से लटका मिला था और उसका एक हाथ ऊपर की ओर से गर्दन के फंदे पर था। इससे यह नतीजा निकाला जा रहा है कि उसने मौत से जंग की होगी और फंदा भी छुड़ाने की कोशिश की होगी।

भवनेश को अंतिम समय में दी गई होगी मोक्ष क्रिया की जानकारी

इतना ही नहीं, भुवनेश की स्थिति, मौके से मिले सबूत व घटना के दिन भुवनेश की उस दिन की दिनचर्या की जांच के साथ ही अब तक की पुलिस जांच के बाद यह तथ्य सामने आ रहा है कि भुवनेश को इस क्रिया के बारे में अंदाजा नहीं था। इस नए खुलासे से सवाल उठ रहा है कि क्या ललित ने मोक्ष प्राप्ति की क्रिया-विधि की जानकारी अपने बड़े भाई भुवनेश को अंतिम समय में दी थी?

भुवनेश दूर थे ललित की गतिविधियों से

यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि भुवनेश को इस क्रिया के बारे में घटना से कुछ देर पहले ही जानकारी देकर शामिल किया गया था। हालांकि जांच टीम अभी इसे अंतिम निष्कर्ष नहीं मान रही है। वहीं, जांच के क्रम में पुलिस को भुवनेश के बारे में जो जानकारियां मिली हैं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह इन सब चीजों से दूर थे।

फांसी लगाने के लिए खरीदे गए थे चार प्लास्टिक के स्टूल

30 जून की शाम से लेकर एक जुलाई की सुबह तक की सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि भुवनेश की पत्नी श्वेता व उसकी छोटी बेटी नीतू घटना वाली रात 10.20 बजे उसी गली के अंतिम छोर पर स्थित फर्नीचर की दुकान से चार प्लास्टिक के स्टूल खरीदकर घर ले जा रही है। दूसरी फुटेज में ललित का बेटा शिवम दुकान के पास से ही टेलीफोन का तार निकालकर घर ले जा रहा है और तीसरे में दोनों भाई भुवनेश व ललित अपनी-अपनी दुकानें बंद कर टेलीफोन के तार व सुतली लेकर घर जाते दिखे।

घटना की रात से रात पहले पूरा परिवार जुटा था सामान जुटाने में

क्राइम ब्रांच का कहना है कि घटना वाली रात 10:57 बजे ललित पालतू टॉमी को घुमाने पहली मंजिल से नीचे आया था। एक जुलाई को सुबह 5:35 बजे एक डिलीवरी वैन आई थी, जिससे दूध, ब्रेड व अन्य सामान ललित की दुकान के बाहर उतारने के बाद चला गया था। उसके 7 मिनट बाद सामने रहने वाले गुरवचन सिंह जब दुकान के पास आए तो उन्होंने देखा कि कई लोग सामान लेने दुकान के पास खड़े थे। 6:15 बजे जब वह पहली मंजिल पर ललित को बुलाने गए तो 10 लोगों को फंदे पर लटके हुए देखकर उनके होश उड़ गए। वह तुरंत चिल्लाते हुए वापस नीचे आए और लोगों को घटना से अवगत कराया।


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