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जानिये- जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पूरा प्लान, 30 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

जेवर एयरपोर्ट को स्वच्छ रखने एवं रखरखाव के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी। करीब तीस हजार लोगों को इसमें रोजगार मिलेगा। सौर ऊर्जा का भी भरपूर उपयोग होगा।

By Edited By: Published: Wed, 29 Aug 2018 06:33 PM (IST)Updated: Thu, 30 Aug 2018 08:34 AM (IST)
जानिये- जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पूरा प्लान, 30 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
जानिये- जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पूरा प्लान, 30 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

नोएडा [जेएनएन]। जमीन अधिग्रहण की अड़चन के बीच जेवर एयरपोर्ट परियोजना केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी के पड़ाव पर पहुंच गई है। पर्यावरण मंत्रालय एयरपोर्ट परियोजना के लिए जल्द ही अपनी अनापत्ति जारी कर सकता है। मंत्रालय ने जो सुझाव दिए थे, प्राधिकरण उन्हें अपनी रिपोर्ट में सम्मलित करते हुए मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड करेगा। इसके आधार पर अनापत्ति जारी की जाएगी।

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करीब तीस हजार लोगों को मिलेगा रोजगार

जेवर एयरपोर्ट को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए सौर ऊर्जा का भरपूर उपयोग होगा। ठोस एवं तरल अपशिष्ट के निस्तारण के लिए ढांचा तैयार किया जाएगा। इसमें करीब तीस हजार लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान लगाया गया है। जेवर एयरपोर्ट को केंद्र से सभी तरह की मंजूरी मिल चुकी है। पर्यावरण मंत्रालय की अनापत्ति मिलना शेष है।

एयरपोर्ट की इमारत पर लगाए जाएंगे सोलर पैनल 

मंत्रालय ने कुछ सुझावों को सम्मलित करने के लिए प्राधिकरण से कहा था। इसे प्राधिकरण ने शामिल कर लिया है। इसके तहत जेवर एयरपोर्ट को बिजली की आपूर्ति ग्रिड से होगी। शुरुआत में जहांगीरपुर में बने 765 केवी सब स्टेशन से एयरपोर्ट को बिजली दी जाएगी। एयरपोर्ट की अधिकतर बिजली जरूरत को सौर ऊर्जा से पूरा किया जाएगा। इसके लिए साढ़े नौ हेक्टेयर में सौर ऊर्जा का प्लांट लगाया जाएगा। एयरपोर्ट की इमारत पर भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे। सोलर पैनल लगाने में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि इससे परावर्तित प्रकाश से हवाई जहाज को रन वे पर उतरने व उड़ान भरने में किसी तरह की दिक्कत न हो।

बनाए जाएंगे दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

एयरपोर्ट के पहले फेज के लिए नौ एमएलडी पानी की जरूरत होगी। यह जरूरत भूमिगत जल के अलावा ग्रेटर नोएडा एसटीपी व जेवर डिस्ट्रिब्यूटरी से पूरी की जाएगी। एयरपोर्ट के तीनों चरण पूरे होने के बाद करीब 15 एमएलडी तरल अपशिष्ट निकलेगा। पहले चरण से करीब 1.5 एमएलडी तरल निकलेगा। इसके निस्तारण के लिए 1.5 एमएलडी क्षमता के दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। यह प्लांट उत्तरी एवं पूर्वी हिस्से में होंगे।

चालीस टन कचरा प्रतिदिन निकलेगा

एयरपोर्ट पर ठोस कचरे के निस्तारण के लिए भी ढांचा विकसित किया जाएगा। पहले फेज में प्रतिदिन छह टन ठोस कचरा निकलने का अनुमान है। जबकि परियोजना पूरी होने पर चालीस टन कचरा प्रतिदिन निकलेगा। गीले व सूखे कचरे को अलग करने के अलावा इसके रिसाइकिल करने की व्यवस्था भी की जाएगी। ताकि एयरपोर्ट से कम से कम कचरे की बाहर निकासी हो और पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

पर्यावरण के अनुकूल होगा एयरपोर्ट 

एयरपोर्ट को स्वच्छ रखने एवं रखरखाव के लिए बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी। करीब तीस हजार लोगों को इसमें रोजगार मिलेगा। दावा किया जा रहा है कि जेवर एयरपोर्ट पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होगा। पर्यावरण मंत्रालय ने इन बिंदुओं के अध्ययन के बाद परियोजना को ठीक बताया है। जल्द ही मंत्रालय अपनी अनापत्ति जारी कर सकता है। इसके बाद एयरपोर्ट को केंद्र से मिलने वाली सभी आपत्ति पूरी हो जाएंगी।

सम्मलित किए गए मंत्रालय के सुझाव

यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह एयरपोर्ट की निविदा के बाद निर्माण कार्य शुरू होने में किसी तरह की अड़चन नहीं होगी। जेवर एयरपोर्ट के लिए पर्यावरण मंत्रालय से जल्द अनापत्ति मिलने की उम्मीद है। मंत्रालय ने जो सुझाव दिए थे, उन्हें रिपोर्ट में सम्मलित कर लिया गया है। जल्द ही इसे अपलोड कर दिया जाएगा। 


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